सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को कहा है कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) और राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) में खाली पड़े पदों को लेकर चार हफ्तों में हलफनामा दाखिल करें। साथ ही तय समय में हलफनामा नहीं देने पर कड़ा रूख अपनाने की चेतावनी दी है।
जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने चिंता जताते हुए कहा कि सीआईसी में चार पद खाली पड़े हैं और दिसंबर तक चार और पद बढ़ जाएंगे। पीठ ने केन्द्र से जानना चाहा कि 2016 में विज्ञापन देने के बावजूद केन्द्रीय सूचना आयोग में पद अभी तक रिक्त क्यों हैं।
केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने कहा कि केन्द्रीय सूचना आयोग में चार पदों पर नियुक्तियों के लिये विज्ञापन जारी किया गया है क्योंकि 2016 के विज्ञापन के बाद इन पदों पर नियुक्तियां नहीं की गयी थीं। इस पर पीठ ने नियुक्तियां नहीं होने के कारणों के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा। राज्य सूचना आयोगों में भी लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए पीठ ने महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश , ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक को हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया।
सरकार कानून में संशोधन पर कर रही है विचार
सूचना के अधिकार कानून के तहत इसके संरक्षण के लिए सरकार ने केंद्रीय सूचना आयोग और राज्य सूचना आयोग का गठन किया था। केंद्र सरकार सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून, 2005 में संशोधन करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिसके लिए आरटीआई (संशोधन) कानून 2018 लाया जाना है। कानून में प्रस्तावित संशोधन केंद्र सरकार को केंद्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्तों के कार्यकाल, वेतन और भत्ते और राज्य सूचना आयोगों के फैसला लेने के लिए सशक्त बनाना चाहते हैं। सूचना आयोग सूचना तक पहुंच के दावों पर फैसला निर्णय लेने वाले अंतिम अधिकारी होते हैं जो संविधान के तहत एक मौलिक अधिकार है।