सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा कि विभिन्न सेवाओं, बैंक खाते और मोबाइल को आधार से जोड़ने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगला फैसला आने तक ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। पहले आधार कार्ड लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए भी सरकार आधार लिंक कराने का दबाव नहीं बना सकती। कोर्ट ने कहा कि यह अंतरिम आदेश है जो पांच जजों की बेंच का अगला फैसला आने तक लागू रहेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह डेडलाइन बढ़ाने के बारे में वह जल्द फैसला करे ताकि लोगों को कम-से-कम परेशानी हो और देश में वित्तीय संस्थान को उलझन में नहीं रहना पड़े।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने सरकार से कहा कि इस मामले में जल्द कदम उठाएं।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बेंच की ओर से कहा, ‘फाइनैंशियल सिस्टम में काफी अनिश्चितता दिख रही है। उन्हें आखिरकार कंप्लायंस सुनिश्चित करना है।’ जस्टिस चंद्रचूड़ ने इशारा किया कि अगर सरकार ने आखिरी वक्त तक कोई फैसला नहीं किया तो किस तरह की अफरातफरी मच सकती है। जस्टिस ए के सीकरी ने कहा कि सरकार को इस संबंध में 14 मार्च तक निर्णय करने की कोशिश करनी चाहिए।
हालांकि, बेंच ने सरकार को ऐसा करने के लिए कोई आदेश नहीं दिया। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने इससे पहले कहा था कि सरकार ने पहले भी जरूरी कदम उठाए हैं और जरूरत पड़ी तो आगे भी ऐसा करेगी। सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें कई मुद्दों पर आधार ऐक्ट को चुनौती दी गई है। उनमें कहा गया है कि यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और इसके चलते राज्य की ओर से नागरिकों की खुफियागीरी का खतरा बढ़ जाएगा।