सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट ओबीसी, ईडब्ल्यूएस कोटा मामले पर अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी सत्र के लिए सरकार की 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की योजना को मंजूरी दे दी है। अदालत के फैसले के बाद काउंसलिंग का रास्ता अब साफ हो गया है।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखने के बाद कहा था कि राष्ट्रहित में नीट पीजी काउंसलिंग शुरू होनी जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए 27% ओबीसी और 10% आर्थिक कमजोर वर्ग आरक्षण को मंजूरी दे दी है। केंद्र ने 27% ओबीसी और 10% आर्थिक कमज़ोर वर्ग आरक्षण को सही ठहराते हुए काउंसिलिंग शुरू करने की अनुमति मांगी थी। वहीं, याचिकाकर्ताओं ने नई आरक्षण नीति पर रोक की मांग की है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अजय भूषण पांडे समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने और वर्तमान 2021-22 प्रवेश चक्र के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की पहचान कर 8 लाख रुपये के मानदंड पर टिके रहने का भी निर्णय लिया है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को मामले पर सुनवाई पूरी की और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
गौरतलब हो कि याचिकाओं में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और पीजी-चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती दी गई थी। हालांकि कोर्ट ने ओबीसी की वैधता बरकरार रखी है।
इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान केद्र सरकार ने कहा कि था नीट-पीजी काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट में दायर याचिका में ईडब्ल्यूएस कैटिगरी के लिए आठ लाख रुपये के क्राइटेरिया का विरोध किया गया था और वैकल्पिक तौर पर 2.5 लाख की लिमिट तय करने की बात कही गयी थी।