सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ रेप केस में गवाह तालिब हुसैन के परिवार वालों की ओर से दायर याचिका पर जम्मू कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया है और एक सप्ताह में जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।
याचिका में कहा गया है कि कठुआ रेप केस में पीड़ित परिवार की मदद के चलते उन्हें एक झूठे रेप केस में फंसाकर पुलिस हिरासत में उनका टॉर्चर हो रहा है। पुलिस उन्हें उठा कर लेकर गई है और उनका कोई पता नहीं चल पाया है।
तालिब हुसैन की पहचान एक गुर्जर नेता और सामाजिक कार्यकर्ता की रही है। जनवरी में कठुआ में बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या मामले में भी तालिब ने आरोपियों को सजा की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन किया था।
जम्मू के कठुआ में आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। बच्ची को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां दी गई और बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया। इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी गई। बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने सांजी राम, उसके बेटे विशाल, उसका एक नाबालिग़ भतीजा, दो विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया उर्फ दीपू और सुरेंद्र वर्मा और दोस्त परेश कुमार उर्फ मन्नू को गिरफ्तार किया है। नौ अप्रैल को दाखिल चार्जशीट में इन सभी का नाम है।
मामले में हेड कांस्टेबल तिलक राज और सहायक निरीक्षक आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया था। इन पर कथित रूप से सांजी राम से चार लाख रुपये लेने और अहम सबूत नष्ट करने का आरोप है। तिलक राज और आनंद दत्ता को घटना के पद से हटा दिया गया।