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कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी के...
कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज की नजरबंदी के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है। सोज पिछले साल 5 अगस्त से नजरबंद हैं। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी।

जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार और जम्मू- कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है और जुलाई के दूसरे सप्ताह तक कांग्रेस नेता की पत्नी मुमताज़ुननिसा सोज की याचिका पर जवाब देने को कहा है। याचिका में कांग्रेस नेता के हाउस अरेस्ट ऑर्डर को खत्म करने की भी मांग की गई है। सोज के वकील ने कहा कि वह 82 साल के हैं और याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

याचिका में नजरबंदी को बताया है असंवैधानिक

याचिका में आरोप लगाया है कि अब तक उनके पति को हिरासत में लिए जाने के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है। उनकी नजरबंदी न केवल गैर-कानूनी और असंवैधानिक, बल्कि बेहद भयावहपूर्ण भी है। एक लंबी और अनिश्चितकालीन हिरासत संविधान के अनुच्छेद 21 और अनुच्छेद 22 के साथ निवारक हिरासत पर कानून की रक्षा का भी उल्लंघन है।

पिछले साल कई नेताओं को लिया गया था हिरासत में

पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था तथा राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का फैसला लिया था। इस दौरान तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में नजरबंद कर दिया गया था। हाल में नौकरशाह से राजनेत बने शाह फैसल पीडीपी के दो प्रमुख नेता सरताज मदनी और पीरजादा मंसूर से पीएसए हटाया गया है। फारूक और उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं को अब रिहा कर दिया गया है।

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