भाजपा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा मामले में पश्चिम बंगाल सरकार सरकार को नोटिस जारी किया है तथा इस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 15 जनवरी को होगी।
जस्टिस एस के कौल की पीठ ने भाजपा से रथ यात्रा का तारीखों को लेकर नया शेड्यूल दाखिल करने को भी कहा है।
पिछले महीने कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देते हुए रथ यात्रा की इजाजत पर रोक लगा दी थी। इससे पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कुछ शर्तों के साथ भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत दी थी। बाद में ममता बनर्जी की सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच के सामने चुनौती दी थी।
डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच को भेज दिया था वापस
कोलकता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच को राज्य की एजेंसियों की खुफिया सूचनाओं पर विचार करते हुए नए सिरे से मामले की सुनवाई करने के लिए कहा था। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती ने सिंगल बेंच को इस पर विचार करने के लिए कहा कि क्या ‘यात्रा' की अनुमति देने के नतीजे तक पहुंचने के लिए उनके समक्ष पर्याप्त दस्तावेज थे। बेंच ने कहा था कि सिंगल बेंच राज्य सरकार की ओर से दी गई 36 खुफिया सूचनाओं पर नए सिरे से विचार करे। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल किशोर दत्ता ने कहा था कि सिंगल बेंच ने सीलबंद लिफाफे में सौंपी खुफिया सूचनाओं पर विचार नहीं किया और बिना खोले ही उन्हें लिफाफा वापस कर दिया था।
ममता सरकार ने मंजूरी देने से कर दिया था इनकार
भाजपा की रथ यात्रा को ममता सरकार ने पिछले दिनों इजाजत देने से इनकार कर दिया था। राज्य सरकार की दलील थी कि रथ यात्रा से साम्प्रदायिक तनाव हो सकता है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए वकील आनंद ग्रोवर ने दलील दी थी कि भाजपा की रथ यात्रा की व्यापकता को लेकर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की जरूरत पड़ेगी। अगर भाजपा कुछ जिलों में सभाएं कराना चाहती है तो इसकी इजाजत दी जा सकती है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर रैलियों को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
भाजपा ने तीन रथ यात्रा की बनाई थी योजना
भाजपा ने पश्चिम बंगाल के तीन हिस्सों में तीन रथ यात्राओं की योजना बनाई थी जो पूरे राज्य की यात्रा के बाद कोलकाता में समाप्त होनी थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 7 दिसंबर को रथ यात्रा को रवाना करने वाले थे। रथ यात्रा को अनुमति नहीं मिलने और कोर्ट में मामला जाने के बाद इसे लगातार स्थगित करना पड़ा।