कसौली हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, ’यदि ऐसे ही लोगों को मारते रहे तो हम आदेश देना बंद कर देंगे।’ कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह इस तरह की हिमाकत को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस संबंध में राज्य सरकार से पूरी रिपोर्ट मांगी है। अदालत गुरुवार को मामले की सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में होटलों का अवैध निर्माण को हटवाने पहुंची एक महिला अधिकारी की होटल मालिक ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान एक मजदूर घायल हो गया। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के सामने ही होटल कारोबारी ने करीब चार राउंड फायरिंग की जिसमें एक गोली असिस्टेंट टाउन प्लानर शैल बाला शर्मा के मुंह पर और एक लोक निर्माण विभाग के बेलदार गुलाब सिंह के सीने पर जा लगी। महिला अधिकारी की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में बिजली विभाग के एक उपप्रखंड अधिकारी, संजय नेगी बाल-बाल बच गए। घटना के बाद से आरोपी फरार है। सोलन के एसपी मोहित चावला ने कहा कि आरोपी हथियार के साथ जंगल में भाग गया। आरोपी को पकड़ने के लिए एक लाख रुपए का इनाम रखा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि वह इस तरह की गंभीर घटना को अनदेखा नहीं कर सकता है। कोर्ट ने अफसर को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सरकार को फटकार भी लगाई। कोर्ट ने सवाल किया कि जब होटल कारोबारी ने गोली चलाई तब सीलिंग अभियान के दौरान टीम के साथ गई पुलिस क्या कर रही थी?
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि धर्मपुर और कसौली के 13 होटलों के अवैध ढांचे को गिराया जाए। इसके लिए चार टीमों का गठन किया गया था। होटलों के अवैध ढांचे के ध्वस्त करने के आदेश में कोर्ट ने कहा था कि पैसा बनाने के चक्कर में लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। अवैध निर्माण के कारण पूरा शहर खतरे में पड़ गया है जिससे लैंड स्लाइडिंग हो रही है। होटल और रिजोर्ट्स ने दो मंजिला इमारत बनाने के बजाय छह छह मंजिला निर्माण कर लिया है।