सुप्रीम कोर्ट ने वॉट्सएप से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए अभी तक अधिकारी नियुक्त नहीं किए जाने को लेकर वॉट्सएप, आईटी और वित्त मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस इंदू मलहोत्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को 'सेंटर फॉर अकांउटेलिबिटी एंड सिस्टेमैटिक चेंज’ संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने पूछा है कि भारत में अभी तक वॉट्सएप से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए शिकायत अधिकारी नियुक्त क्यों नहीं किया गया। मोदी सरकार ने वॉट्सएप को भारत में काम करने के लिए कॉरपोरेट यूनिट बनाने और फेक मैसेज के ओरिजनल सोर्स का पता लगाने के लिए तकनीकी समाधान ढूंढने को कहा था। लेकिन अब तक वॉट्सएप की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
पेमेंट रोकने की मांग
याचिका में केंद्र सरकार को यह निर्देश देने को कहा गया है कि जब तक वॉट्सएप रिजर्व बैंक के सभी नियमों का पूर्ण रूप से पालन न कर ले, तब तक उसकी पेमेंट सर्विस रोक दी जाए। संगठन का कहना है कि यह मैसेंजर कंपनी भारत में कई कानूनी प्रावधानों को पूरी नहीं करती है। बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहक को केवाईसी नियमों के साथ रिजर्व बैंक की कई प्रावधानों को पूरा करना पड़ता है लेकिन वॉट्सएप विदेशी कंपनी है।
भारत में दफ्तर खुले
इसका भारत में न ही कोई सर्वर है और ना ही कोई ऑफिस। ऐसे में वॉट्सएप को भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए यहां ऑफिस खोलना होगा। याचिका में ये भी कहा गया है कि वॉट्सएप को एक शिकायत अधिकारी की भी भारत में नियुक्ति करनी होगी, जिससे ग्राहक अपनी परेशानी उनसे बता सकें। वॉट्सएप के भारत में 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। साथ ही भारत में वॉट्सएप पेमेंट सर्विस का 10 लाख लोग परीक्षण कर रहे हैं।