उत्तरप्रदेश के कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में आज मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी जिसके वजह से उसे रविवार झांसी जेल से बागपत लाया गया था। मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश पर बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है तथा मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस टीम पूरे मामले की जांच में जुटी है। मामले में गैंगस्टर सुनील राठी और उसके शूटर पर शक जताया जा रहा है। जेल में हत्या होने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। उसकी पत्नी सीमा सिंह ने लखनऊ में दस दिन पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को कहा था कि पति मुन्ना बजरंगी की जान को खतरा है तथा उनकी हत्या की जा सकती है। सीमा ने आरोप लगाया था कि झांसी जेल में बंद पति का एनकाउंटर करने की साजिश हो रही है तथा एसटीएफ में तैनात एक अधिकारी के इशारे पर ऐसा हो रहा है. इस अफसर के कहने पर ही जेल में बजरंगी को खाने में जहर देने की कोशिश तक की गई। ढाई साल पहले उन्होंने विकासनगर में पुष्पजीत सिंह और गोमतीनगर में हुए तारिक हत्याकांड में शामिल शूटरों को सत्ता और पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया था। पत्नी सीमा सिंह ने पति को जेल से शिफ्ट करने की गुहार भी लगाई थी।
#WATCH Seema Singh, wife of Gangster Munna Bajrangi, says, "I want to tell UP CM Adityanath ji that my husband's life is in danger. A conspiracy is being hatched to kill him in a fake encounter." (29.06.18) pic.twitter.com/o2uCuePKJe
— ANI UP (@ANINewsUP) July 9, 2018
मुन्ना बजरंगी का जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। पिता पारसनाथ सिंह ने उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोया था लेकिन मुन्ना बजरंगी ने पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया। पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी और किशोर अवस्था तक आते आते उसे कई ऐसे शौक लग गए जिसने उसे जुर्म की दुनिया तक पहुंचा दिया। मुन्ना बजरंगी पर 17 साल की उम्र में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद मुन्ना ने जरायम की दुनिया से पलटकर नहीं देखा। मुख्तार गैंग में शामिल मुन्ना ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की दिनदहाड़े एके 47 से गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर, शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिंदर सिंह और वार्डन माधव कुमार को सस्पेंड कर दिया है तथा न्यायिक जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जेल के अंदर इस तरह की घटना काफी गंभीर मामला है जिसकी गहराई से जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के प्रक्रिया के तहत न्यायिक जांच कराई जाएगी तथा एनएचआरसी को सूचित कर दिया गया है। डीएम और डीआईजी (जेल) मौके पर पहुंच गए हैं। शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।