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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से कहा- 15 दिन में घर भेजे जाएं सभी प्रवासी श्रमिक, दिया जाए रोजगार

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को लेकर मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से कहा- 15 दिन में घर भेजे जाएं सभी प्रवासी श्रमिक, दिया जाए रोजगार

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को लेकर मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश सुनाते हुए कहा कि जो मजदूर वापस जाना चाहते हैं, उन्हें 15 दिन में वापस भेजा जाए। साथ ही कोर्ट ने केंद्र से श्रमिकों के लिए अतिरिक्त ट्रेनें चलाने के लिए भी कहा।  

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं। शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वापस लौटने वाले श्रमिकों को  रोजगार प्रदान करने के लिए योजना तैयार करने को भी कहा।

कोर्ट ने केंद्र को यह निर्देश भी दिया कि राज्य मांग करें तो 24 घंटे के अंदर प्रवासियों को उनके घर भेजने के लिए अतिरिक्त ट्रेन उपलब्ध कराएं। केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करें। उनके कौशल (स्किल) की पहचान के लिए मैपिंग करें। जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और एमआर शाह की बेंच ने यह सुनवाई की। अब इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई में होगी। 

इससे पहले हुई सुनवाई में क्या हुआ था

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले का संज्ञान लेकर केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकारें बताएं कि वो प्रवासी मजदूरों के लिए क्या कर रही हैं। प्रवासी मजदूरों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 5 जून को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों से कहा था कि प्रवासी मजदूरों को अगले 15 दिनों में अपने-अपने घर पहुंचा दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला 9 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।

लॉकडाउन के दौरान देशभर में फंस गए थे प्रवासी मजदूर

 

गौरतलब है कि कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। साथ ही देश में लॉकडाउन के बाद से ही प्रवासी मजदूरों का मामला गरम है। यही नहीं कई जगहों पर प्रवासी मजदूरों द्वारा प्रदर्शन करने व पथराव करने की घटनाएं भी सामने आईं। इस कारण उनपर लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले भी दर्ज किए गए हैं। इसी कड़ी कोर्ट ने राज्यों को दोबारा इन दर्ज किए मामलो पर विचार करने को कहा है साथ प्रवासी मजदूरों को तत्काल उनके घरों की ओर भेजने को लेकर फैसला सुनाया है।

बता दें कि मार्च महीने के अंतिम दिनों में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन लागू किया था, जिसे बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया। हालांकि, एक जून के बाद से अनलॉक-1 को भी लागू किया गया है। लॉकडाउन के दौरान रोजगार न मिलने की वजह से लाखों की संख्या में मजदूर जहां-तहां फंस गए थे। इसके बाद कई मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए चल पड़े थे।

हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने एक मई से प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। रेलवे ने दावा किया था कि इन ट्रेनों के जरिए से अभी तक लाखों मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है।

 

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