मुंबई हाई कोर्ट से एकनाथ शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना को पांच अक्टूबर को मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में अपनी वार्षिक दशहरा रैली करने की इजाजत दे दी। हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से दादर से विधायक सदा सरवनकर की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का आदेश "कानून की प्रक्रिया और सद्भावना का स्पष्ट दुरुपयोग" था।
जस्टिस आर डी धानुका और जस्टिस कमल खाता की खंडपीठ ने ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट और उसके सचिव अनिल देसाई द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें मुंबई नगर निकाय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उन्हें मंजूरी नहीं दी गई थी।
पीठ ने ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहते हुए 2 अक्टूबर से 6 अक्टूबर तक मैदान का उपयोग करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा है कि इतने वर्षों से आयोजन हो रहा है और अभी तक कोई घटना नहीं हुई है।
बीएमसी ने 21 सितंबर को कहा था कि वह अनुमति देने से इनकार कर रही है क्योंकि इसी तरह का एक आवेदन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी शिवसेना धड़े के विधायक सदा सरवणकर ने दायर किया था, और अगर एक गुट को अनुमति दी जाती है, तो इससे कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होगी जैसा की पुलिस ने अंदेशा व्यक्त किया है।
बीएमसी की तरह से वकील मिलिंद साठे ने कहा कि शिवसेना के दोनों पक्षों की वजह से कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है और होर्डिंग लगाने को लेकर दोनों गुटों में विवाद हो सकता है। गणपति उत्सव के दौरान भी शिवसेना के दो गुटों में झड़प हुई थी और यह तनाव अभी भी बना हुआ है।