Advertisement

तेलंगाना में गरीब आबादी में आई खासी कमी, नीति आयोग ने किया खुलासा; 2015-16 में थी करीब 13.18 प्रतिशत, 2019-21 में हो गई 5.88

हैदराबाद। तेलंगाना में गरीबों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है, नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इसका...
तेलंगाना में गरीब आबादी में आई खासी कमी, नीति आयोग ने किया खुलासा; 2015-16 में थी करीब 13.18 प्रतिशत, 2019-21 में हो गई 5.88

हैदराबाद। तेलंगाना में गरीबों की संख्या में भारी कमी दर्ज की गई है, नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर में गरीब आबादी में भारी कमी आई है। जिन राज्यों ने इसमें भारी कमी दर्ज की उसमें तेलंगाना आठवें स्थान पर है। तेलंगाना में वर्ष 2015-16 में गरीब आबादी करीब 13.18 प्रतिशत थी जो 2019-21 में तेजी से घटकर मात्र 5.88 प्रतिशत ही शेष है।

देश भर में गरीब आबादी 14. 96 प्रतिशत है। राज्य सरकार के जनहित कार्यक्रमों के कारण तेलंगाना के लोगों के जीवन स्तर में ब्यापक सुधार हुआ है। नीति आयोग ने नेशनल मल्टीडायमेंशनल पोवर्टी इंडेक्स: ए प्रॉग्रेस रिव्यू 2023 जारी किया है जिसमें इसका खुलासा किया गया है।

तेलंगाना ने इन बड़े राज्यों की तुलना में गरीब आबादी को मात्र 5.88 प्रतिशत तक लाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। तेलंगाना राज्य सरकार दो जून को राज्य शासनकाल के नौ वर्ष पूरे कर दसवें वर्ष में प्रवेश किया है, लगभग नौ वर्ष में लोगों के जीवन स्तर में भारी इजाफा दर्ज किया गया है। मिजोरम में गरीबों का प्रतिशत 5. 3,  हिमाचल प्रदेश में 4. 93, पंजाब में 4. 75,  सिक्किम में 2. 6,  तमिलनाडु में 2.2, गोवा में 0. 84  और केरल में 0. 55  है। देश भर में में गरीबों का प्रतिशत 2015-16 में 24. 85 था  जो 201 9-21 में 14. 96 प्रतिशत पर आ गया है।  दक्षिण भारत के राज्यों में केरल और तमिलनाडु के बाद तेलंगाना ने गरीब आबादी को घटाने में सफलता पाई है। ऊत्तर प्रदेश में गरीब 22. 93 प्रतिशत,  मध्य प्रदेश में 20. 63 प्रतिशत, बिहार में 33.67 प्रतिशत और गुजरात में 11.66 प्रतिशत हैं।

नीति आयोग की रिपोर्ट ने खुलासा  किया है कि शहरी आबादी की तुलना में ग्रामीण स्तर पर गरीब आबादी में भारी  कमी आई है। तेलगाना में वर्ष 201 9-21 में गरीब आबादी मात्र 5.88  प्रतिशत ही बची है जो पहले 13.18 प्रतिशत थी। नीति आयोग ने बारह मानकों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है, इन मानकों में पोषण, बच्चों का स्वास्थ्य, माता का स्वास्थ्य, स्वच्छता, विद्यालय जाने का समय, पेय जल सुविधा, बिजली सुविधा, भवन, बैंक खाता, संपत्ति, बाल मृत्यु दर आदि विषयों पर गरीबी के वर्तमान स्तर का सूक्ष्म अध्यन कर राष्ट्रीय स्तर पर डाटा तैयार किया गया है।

तेलंगाना सरकार ने आरोग्यश्री डिजिटल कार्ड बीमा राशि दो लाख से बढाकर पांच लाख की :

तेलंगाना सरकार ने लोगों को आरोग्यश्री  डिजिटल कार्ड जल्द देने का  निर्णय लिया है। इसके लाभार्थियों को जल्द चिन्हित किया जाएगा।  मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने स्वास्थ्य बीमा राशि को दो लाख से बढाकर पांच लाख रूपए करने का निर्णय लिया है। अब लाभार्थियों के आधार कार्ड और निवास स्थान को चिन्हित कर कार्ड दे दिया जाएगा। लाभार्थी को चिन्हित करने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है ताकि उनके चेहरे की पहचान की जा सके। पांच लाख रूपए के आरोग्यश्री बीमा कार्ड का फायदा बड़ी संख्या में लोगों को मिल सकेगा।

तेलंगाना बना सबसे अधिक पेंशन देने वाला मॉडल राज्यः

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने दिव्यांग जनों  को वित्तीय सुरक्षा के रूप में प्रदान की जाने वाली पेंशन राशि में बढोत्तरी की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री के चंद्रशेखर राव ने पेंशन राशि में बढोत्तरी संबंधित फाइल को मंजूरी प्रदान की है। विकलांग जनों के पेंशन में 1,000 रूपए की बढोत्तरी की घोषणा की गई है। इस संबंध में तेलंगाना सरकार ने शनिवार को आदेश जारी किया है। अभी हर महीने 3,016 रूपए पेंशन दिव्यांगों को मिल है, इसमें बढ़ोतरी के साथ अब 4,016 रूपए पेंशन दी जाएगी। तेलंगाना सरकार देश के अन्य राज्य की तरह विकलांगों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। सबसे अधिक पेंशन प्रदान करने वाले राज्य के रूप में तेलंगाना अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad