राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह एक युवक के हाथ-पैर काटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसने पवित्र ग्रंध का अपमान किया था। इस हत्या के पीछे सुबह से निहंग सिखों पर शक जा रहा था, लेकिन शाम को एक निहंग ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए, पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। इसके अलावा इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें निहंग सिखों के एक समूह मर्डर से पहले उस युवक से पूछताछ करते हुए भी दिख रहा था। लेकिन इस घटना ने निहंग सिखों को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। आखिर निहंग सिख कौन हैं और इतिहास क्या है ये चर्चा का विषय बन गया है।
दरअसल, निहंग फारसी का शब्द है, जिसका अर्थ मगरमच्छ, कमल और तलवार होता है, लेकिन इनकी विशेषता संस्कृत के शब्द निशंक से ज्यादा मिलती जुलती मालूम पड़ती है जिसका अर्थ निडर और शुद्ध होता है। जानकारी के मुताबिक, सिखों के सबसे आक्रामक तबके को ये नाम मुगलों ने दिया था। इसके पीछे मान्यता ये मानी जाती है कि जिस तरह से पानी में मगरमच्छ को हराना मुश्किल होता है, ठीक उसी तरह युद्ध में निहंगों को मात देना आसान काम नहीं है।
एबीपी की खबर के मुताबिक, निहंग सिखों को ऐसा लड़ाका बनाने का श्रेय सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह को जाता है। गुरु गोविंद सिंह के चार बेटे थे। अजित सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह। फतेह सिंह सबसे छोटे बेटे थे। माना जाता है कि एक बार तीनों बड़े भाई आपस में युद्ध का अभ्यास कर रहे थे। इसी दौरान फतेह सिंह भी वहां पहुंचे और युद्ध कला सीखने की इच्छा जताई. इस पर बड़े भाइयों ने उनसे कहा कि अभी आप छोटे हैं और जब बड़े हो जाओगे तब ये सीख लेना।
कहा जाता है कि अपने तीनों बड़े भाइयों की इस बात पर फतेह सिंह नाराज हो गए। वो घर के अंदर गए और नीले रंग का लिबास पहना, सिर पर एक बड़ी सी पगड़ी बांधी और हाथों में तलवार और भाला लेकर पहुंच गए। उन्होंने अपने भाइयों से कहा कि अब वो लंबाई में तीनों के बराबर हो गए हैं। गुरु गोविंद सिंह ये सब देख रहे थे। फेतह सिंह की बहादुरी से वो प्रभावित हुए और तब जाकर चारों भाइयों को उन्होंने युद्ध कला सिखाई। मान्यता है कि फतेह सिंह ने अपने बड़े भाइयों की बराबरी करने के लिए जो चोला पहना था, वहीं आज के निहंग सिख पहनते हैं। फतेह सिंह ने जो हथियार उठाया था, आज भी निहंग सिख उसी हथियार के साथ दिखते हैं।
निहंग सिख अपने धर्म के लिए हर समय समर्पित होते हैं और आम सिखों को मानवता का विशेष ध्यान रखने की ओर प्रेरित करते रहते हैं। निहंग सिखों के धर्म चिन्ह आम सिखों की अपेक्षा मज़बूत और बड़े होते हैं। जन्म से लेकर जीवन के अंत तक जितने भी जीवन संस्कार होते हैं, सिख धर्म के अनुसार ये उनका प्रेम से निर्वहन करते हैं।
अतीत में निहंग सिखों ने अपने धर्म को बचाने के लिए कई लड़ाइयां लड़ी हैं और अपना बलिदान दिया है, लेकिन उनकी यही बहादुरी उन्हें ‘कट्टर’ भी बनाती है जिसका वजह से विवादों से उनका नाता रहता है। निहंग सिखों पर सबसे बड़ा आरोप लॉकडाउन के दौरान अप्रैल 2020 में लगा था। आरोप लगा कि उन्होंने एक पुलिसकर्मी का हाथ काट दिया था। इसके बाद कई निहंग सिखों की गिरफ्तारी हुई थी।