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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के हलफनामे को बताया कूड़ा, लेने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट पर केंद्र सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेने से मना करते हुए...
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के हलफनामे को बताया कूड़ा, लेने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट पर केंद्र सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेने से मना करते हुए कहा कि 860 पेज का यह हलफनामा ही कूड़ा है और कोर्ट कोई कूड़ा ढोने वाला वाहन नहीं है। साथ ही अधूरी जानकारी देने पर फटकार लगाई। ।

 

जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि आप क्या करने की कोशिश कर रहे हैं?  क्या आप हमें प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं?  हम प्रभावित नहीं हुए। आप सब कुछ हमारे सामने पटक देना चाहते हैं। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। पीठ ने कहा, आप ऐसा ना करें। आपके पास जो भी कचरा होता है,  आप उसे हमारे सामने पटक देते हैं। हम कूड़ा बटोरने वाले नहीं। इस बारे में कोई शकमत रखिएगा। अगर हलफनामे में कुछ नहीं है तो उसे फाइल करने का कोई मतलब नहीं है। हम इसे ऑन रिकॉर्ड ऑन रिकॉर्ड नहीं ले रहे हैं।

मालूम हो कि पीठ ने केंद्र से पूछा था कि सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट रूल 2016 के प्रावधानों के आधार पर राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों ने स्टेट लेवल एडवाइजरी बोर्ड स्थापित किए हैं या नहीं, इसकी जानकारी का चार्ट तीन हफ्ते के भीतर फाइल करें। इसमें बोर्ड गठित किए जाने की तारीख, बोर्ड मेंबर्स के नाम और अगर कोई मीटिंग ली गई हो तो उसकी डिटेल भी दी जाए। इसके जवाब में केंद्र की ओर से हलफनामा फाइल किया गया लेकिन जब पीठ ने कुछ सवाल किए तो उसका केंद्र के वकील सही जवाब नहीं दे पाए। 

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