भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली एक नाबालिग पहलवान के पिता ने स्वीकार किया कि उन्होंने पुलिस में दर्ज अपने बयान में इसलिए सुधार किया है क्योंकि उन्होंने कुछ बातें गुस्से में शिकायत के रूप में दर्ज कराई थी। एएनआई के अनुसार हरियाणा के समाचार चैनल 'खबरें अभी तक' को दिए एक साक्षात्कार में शिकायतकर्ता के पिता ने कहा कि नाबालिग ने अदालत और पुलिस को दिए अपने पहले के बयान में सुधार किया है।
इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "शिकायत में कुछ बातें गुस्से में कही गईं, कुछ सच और कुछ गलत बातें कही गईं। बृजभूषण अपनी जगह सही हैं लेकिन शिकायत के समय गुस्से में कुछ झूठी बातें कह दी गईं। जो चीजें गलत बताई गई थीं, मैंने उन्हें सही कर दिया है।" पहलवान के पिता ने यह भी कहा कि अपने पहले के बयान को बदलने के लिए उन पर कोई बाहरी दबाव नहीं था।
पिता ने टीवी चैनल को बताया, "तीन-चार दिन पहले मैं और मेरी बेटी पुलिस थाने और पटियाला हाउस कोर्ट गए थे।" शिकायतकर्ता ने बताया, "2022 में उन्होंने जानबूझकर मेरी बेटी को मैच हारने के लिए मजबूर किया। बेटी को कुश्ती का अभ्यास कराते रहने के लिए मुझे अपना एक घर तक बेचना पड़ा।" पिता के अनुसार उनकी बेटी को रेफरी ने जानबूझकर हराया था, इसलिए उसका भारतीय टीम में चयन रह गया।
उन्होंने कहा, "मैंने उस समय आपत्ति जताई थी, लेकिन तकनीकी कर्मचारियों ने कहा कि अगर मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी कुश्ती में भाग ले, तो उसे ले जाओ। इस तरह बेटी की एक साल की मेहनत बर्बाद हो गई थी। इसलिए पक्षपात के बाद मन में गुस्सा था।" हालांकि उन्होंने पहलवानों के विरोध का समर्थन किया और कहा कि विरोध की भावना और उनके कारणों में उन्हें विश्वास है।
जब बृजभूषण शरण सिंह से इन मीडिया रिपोर्ट्स के बारे में पूछा गया कि नाबालिग पीड़िता के पिता ने शिविर के दौरान चयन के लिए अनदेखी के बाद "बदला" लेने के लिए उनके खिलाफ POCSO शिकायत दर्ज की थी तो उन्होंने कहा, "सभी मामले अदालत के सामने हैं। सरकार ने एक नोटिस और आश्वासन दिया है कि 15 जून तक चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी। चार्जशीट फाइल होने दीजिए। मुझे नहीं लगता कि मुझे अब कुछ कहना चाहिए।"
गौरतलब है कि छह बार के भाजपा सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया था। ओलंपियन बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट अन्य पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि, नई सांसद भवन के उद्घाटन के दिन नियमों के उल्लंघन के बाद दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल को भी खाली करा लिया।
बता दें कि जंतर-मंतर से निकाले जाने के दो दिन बाद पहलवान अपने-अपने मेडल गंगा में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे। हालांकि, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बैठक के बाद पहलवानों को आश्वासन दिया गया। ठाकुर ने कहा, "कुश्ती महासंघ की एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता एक महिला करेगी। हमने मांग की है कि पहलवानों के खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकी वापस ली जाएं।"