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‘ सत्य, तथ्य और कहानियों के जरिये तुलसीदास से जुड़े 'रहस्यों' को जानेंगे दर्शक’

अभी तक गोस्वामी तुलसीदास को रामचरित मानस जैसे महाकाव्य के रचनाकार के रूप में ही जाना जाता है। सबको...
‘ सत्य, तथ्य और कहानियों के जरिये तुलसीदास से जुड़े 'रहस्यों' को जानेंगे दर्शक’

अभी तक गोस्वामी तुलसीदास को रामचरित मानस जैसे महाकाव्य के रचनाकार के रूप में ही जाना जाता है। सबको मालूम है कि तुलसीदास ने इस रचना को अमर कर दिया। कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास को प्रभु श्रीराम के साक्षात दर्शन हुए थे। लेकिन तुलसीदास के वे कौन से 5 दोहे हैं, जिनमें छिपा है सफलता का राज? जो मुश्किल घड़ी में करते हैं बचाव! माना जाता है कि जिसने अपने जीवन में तुलसीदास के प्रेरणादायक दोहे अपना लिए, उसकी प्रसिद्धि तय है।

केवल कपूर 16वीं सदी के सर्वश्रेष्ठ कवि तुलसीदास पर एक शानदार डिजिटल सीरिज लेकर आ रहे हैं, जिसमें तमाम रहस्यों से पर्दा उठेगा। सत्य, तथ्य और रोचक कहानियों के जरिए दर्शकों और श्रोताओं को बहुत कुछ जानने को मिलेगा। इसका हर एपिसोड 5 मिनट का होगा और सीजन-1 के 90 एपिसोड्स का प्रसारण यूट्यूब, फेसबुक और गूगल पॉडकास्ट जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म्स पर किया जाएगा, जबकि दूसरा सीजन टीवी पर प्रसारित होगा। भविष्य में इस मेटावर्स और वेब 3.0 जैसे अत्याधुनिक मंच पर भी प्रस्तुत करने की योजना है।

कार्यक्रम के प्रोड्यूसर एवं एपिसोड के वाचक केवल कपूर के मुताबिक इस विषय पर किया गया यह अब तक का शायद सबसे वृहद् प्रयास है। यह सीरिज दीपावली के दिन पब्लिक को समर्पित की जा रही है। इसके लिए प्राचीन ज्ञान-विज्ञान पर आधारित एक मजबूत पटकथा लिखी गई है, जो आज के यूथ को इंस्पायर करने में सक्षम है। सीरिज की कल्पना को साकार करने में रामायण रिसर्च काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत और श्रीश्री 1008 परमहंस स्वामी शांदिपेंद्र जी महाराज के मुख्यर प्रेरणाश्रोत रहे। यह एक ऐसी सीरिज है जो निराशा में आशा का संचार करती है। यह बताती है कि ज्ञान की शक्ति से बढ़ कर कोई दूसरी शक्ति नहीं है। अगर आप 'नॉलेज इज पावर’ में यकीन रखते हैं तो दुनिया में कोई भी आपको हरा नहीं सकता। आज के डिजिटल दौर में यह सीरिज ज्ञान के साथ-साथ मनोरंजन भी प्रदान करेगी।

केवल कपूर बताते हैं कि वैसे तो तुलसीदास पर 1954 में एक क्लासिकल फीचर फिल्म भी बनी थी, जिसके निर्देशन बालचंद्र हरसुख ने किया था। महिपाल और श्यामा ने उसमें अहम भूमिका निभाई थी। उसके बाद वर्ष 1972 में संत तुलसीदास पर एक डिवोशनल फीचर फिल्म बनी, जो सफल साबित हुई। ऑल इंडिया रेडियो ने भी श्री राम चरित मानस को लेकर एक खूबसूरत सीरिज चलाई थी। लेकिन ये सभी अतीत की बातें हैं।

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