निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की गुत्थी लगातार उलझती ही जा रही है। पूरे मामले को लेकर एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट सामने आया है। हर पन्ने के नीचे उन्होंने दस्तखत किया हुआ है। उधर, महंत की मौत की जांच के लिए यूपी सरकार की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है। 18 सदस्यीय इस टीम की अगुवाई सीओ अजीत सिंह चौहान करेंगे।
सुसाइड नोट में लिखा है कि इस महीने की 13 तारीख को भी उनके मन में आत्महत्या करने का विचार आया था। लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। महंत ने शिष्य पर आरोप लगाया है कि उन्हें लड़की के साथ फोटो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी। सुसाइड नोट में सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है कि आनंद गिरि से वे कैसे मानसिक तौर पर परेशान रहते थे, उसके बाद आद्या प्रसाद तिवारी का क्या रोल था, संदीप तिवारी का क्या रोल था, उत्तराधिकारी बलबीर पुरी को बनाया जाएगा उसके बारे में जिक्र है। इस सूइसाइड नोट के सामने के बाद प्रयागराज पुलिस ऐक्शन में आ गई है और तकरीबन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
महंत ने लिखा है कि हरिद्वार में सूचना मिली कि आनंद गिरि ने कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर वायरल कर दी। मैंने सोचा सफाई किस-किस को दूंगा, बदनामी होगी। मैं जिस पद पर हूं उसकी गरिमा है। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या तिवारी, संदीप तिवारी होंगे। सुसाइड नोट में लिखा है कि आनंद गिरि ने असत्य, मिथ्या, मनगढ़ंत आरोप लगाए थे तब से मैं मानसिक दबाव में जी रहा हूं।
सुसाइड नोट में कई जगहों पर काटा गया है और बाद में दोबारा से लिखा हुआ है। ये सुसाइड नोट नॉर्मल पेपर पर नहीं लिखा गया है बल्कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के लेटर हेड पर ये लिखा गया है। नरेंद्र गिरि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। इसमें लिखा हुआ है आनंद गिरि किसी महिला के साथ उनका वीडियो जोड़कर सोशल मीडिया में वायरल कर सकता था, इस बात की उन्हें आशंका थी। सुसाइड नोट के आधार पर यूपी पुलिस जांच कर रही है और आनंद गिरि से भी पूछताछ हो रही है।