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सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर को कोर्ट ने माना आरोपी, सात जुलाई को होगी पेशी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। अब इस...
सुनंदा पुष्कर मौत मामले में शशि थरूर को कोर्ट ने माना आरोपी, सात जुलाई को होगी पेशी

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर मौत मामले में दायर चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। अब इस मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर पर आरोपी की तरह केस चलाया जाएगा। थरूर को इसके लिए समन भेजा है तथा सात जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद शशि थरूर की परेशानी बढ़ गई है। थरूर पर आईपीसी की धारा 306 के तहत सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने तथा 498 ए के तहत घरेलू हिंसा का आरोप लगाया गया है। पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट को देखने के बाद मंगलवार को कोर्ट ने थरूर पर केस चलाने की मंजूरी दी है।

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने कोर्ट से कहा कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर के तौर पर तलब किया जाना चाहिए। सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा है कि थरूर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

सरकारी वकील ने 28 मई को हुई सुनवाई में पुष्कर के थरूर को भेजे गए ईमेल की लाइन पढ़ी, जिसमें लिखा था 'मैं जीना नहीं चाहती हूं, मैं बस मरना चाहती हूं।' उन्होंने अदालत को बताया था कि पुष्कर की मौत जहर से हुई थी। सरकारी वकील ने कहा कि सोशल मीडिया के बयान को मरने से पूर्व का बयान माना चाहिए।

करीब तीन हजार पेज की चार्जशीट में शशि थरूर को आरोपी के तौर पर नामजद किया है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की। थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह को मामले में गवाह बनाया गया है।

सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को राजधानी के एक होटल में मृत पायी गई थीं। दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

कांग्रेस नेता शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर की शादी 2010 में हुई थी। उस समय थरूर यूपीए सरकार में मंत्री थे। सुनंदा और थरूर दोनों की ये तीसरी शादी थी।

थरूर के वकील ने कहा, उठाएंगे जरूरी कदम

शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा है कि कोई अपराध नहीं किया गया है। सरकारी वकील के आरोप और दलीलें गलत हैं और सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के उलट हैं। पाहवा ने कहा कि चार्जशीट की कॉपी हम देख रहे हैं, इससे निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।  

 

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