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चिन्मयानंद मामले से सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को किया अलग, पीड़ित छात्रा ने दायर की है याचिका

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भानुमति ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यौन शोषण मामले में स्वामी...
चिन्मयानंद मामले से सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुद को किया अलग, पीड़ित छात्रा ने दायर की है याचिका

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भानुमति ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा यौन शोषण मामले में स्वामी चिन्मयानंद को जमानत देने के आदेश को चुनौती देने और उनके खिलाफ चल रहे ट्रायल को शाहजहांपुर से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर लिया। मामले की सुनवाई अब नई पीठ करेगी। पीड़ित छात्रा की याचिका पर आज सुनवाई होनी थी। 

पीड़ित छात्रा ने जान को खतरा बताते हुए मुकदमा यूपी  से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की है। शुक्रवार को छात्रा के वकील कोलिन गोन्जाल्विस ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की पीठ के समक्ष यह मांग की थी। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वह सुरक्षा के लिए संबंधित अथारिटीज से संपर्क करें। 

हाई कोर्ट ने दी थी जमानत

पीड़ित छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट मे एक अन्य याचिका दाखिल कर चिन्मयानंद को जमानत दिये जाने के हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन फरवरी को चिन्मयानंद को जमानत दे दी थी। बता दें कि चिन्मयानंद पर उनके ट्रस्ट के कालेज में पढ़ने वाली कानून की छात्रा के यौन शोषण का आरोप लगाया है। चिन्मयानंद को पिछले साल 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत देते हुए टिप्पणी की थी कि दोनों पक्षों ने अपनी सीमाएं लांघी। इस समय यह कह पाना मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया। दोनों ने एक दूसरे का इस्तेमाल किया।

वीडियो क्लिप जारी कर लगाया था आरोप

शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा पिछले साल अगस्त में अचानक छात्रावास से लापता हो गई थी। इसके दूसरे दिन पीड़ित लड़की ने वीडियो क्लिप जारी कर चिन्मयानंद पर दुष्कर्म और यौन शोषण का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर छात्रा को ढूंढकर पेश करने की मांग की गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया। इसके बाद छात्रा और उसके दोस्तों पर चिन्मयानंद से उगाही करने के आरोप को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया।

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