मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस के 16 बागी विधायकों में से एक विधायक मनोज चौधरी के भाई की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने चौधरी के भाई को उचित फोरम पर जाने की इजाजत दी है।
दरअसल, बेंगलुरू में रह रहे मध्य प्रदेश कांग्रेस के 16 बागी विधायकों में से एक विधायक मनोज चौधरी के भाई बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सीजेआई एस ए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की संयुक्त पीठ ने याचिकाकर्ता को उचित फोरम में जाने की इजाजत दी है।
चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर की भाई को रिहा करने की अपील
कांग्रेस विधायक मनोज चौधरी के भाई बलराम चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मनोज को पेश करने और रिहा करने की अपील की थी। याचिका में कहा गया था कि उनके विधायक भाई मनोज चौधरी को अवैध तरीके बेंगलूरू या कहीं और गैर कानूनी तरीके से रखा गया है। बलराम ने सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की थी कि मनोज चौधरी को रिहा करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट दे। बलराम चौधरी ने ये भी कहा था कि साथ ही जिन अन्य विधायकों को गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाकर रखा गया है उनको भी रिहा करने का आदेश दिया जाए। चौधरी ने सभी विधायकों को सुरक्षित मध्य प्रदेश लाने के इंतजाम करने की भी अपील की थी। याचिका में इन विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए सुरक्षा मांगी गई है।
इससे पहले पिछले हफ्ते मनोज चौधरी के पिता कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ अपने बेटे से मिलने बेंगलुरू गए थे, लेकिन कर्नाटक पुलिस ने उन्हें भी मनोज से नहीं मिलने दिया था।
मध्य प्रदेश में दो सप्ताह से चल रहा राजनैतिक महासंग्राम
मध्यप्रदेश में पिछले दो सप्ताह से चल रहा राजनैतिक महासंग्राम अभी भी जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने साथियों के साथ बेंगलुरु पहुंच गए हैं। कांग्रेस विधायकों को यहां एक होटल में सख्त सुरक्षा प्रबंधों के बीच रुकवाया गया है, तो भाजपा के एक सौ से अधिक विधायक भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दूर सीहोर के पास एक होटल में रुके हुए हैं।
राज्यपाल ने दिया विधानसभा अध्यक्ष के पत्र का जवाब
दूसरी ओर राज्यपाल लालजी टंडन ने कल रात दो बजे बात विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति को पत्र लिखकर कुछ घंटे पहले उनके (श्री प्रजापति) द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब दिया। इसके पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच भी दो बार पत्राचार हो गया है। राज्यपाल ने कमलनाथ से सदन में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं।