उन्होंने चेतावनी दी कि देश के प्रति पूरी तरह वफादारी नहीं रखने वाले कुछ तत्वों के खिलाफ सतर्कता बरतनी होगी। उन्होंने कहा, किसी को हमारी सेना की बहादुरी पर कभी संदेह नहीं हुआ, लेकिन पहली बार हाल ही में कुछ लोग संदेह कर रहे हैं। पर्रिकर के मुताबिक वह ऐसे लोगों के नाम नहीं लेना चाहेंगे। एक टीवी चैनल की एक खबर, जिसमें पाकिस्तान के एक पुलिस अधिकारी ने सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात कबूली है, का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, अब वीडियो जारी करने या कोई सबूत देने की कोई वजह नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमले में भारत का कोई जवान हताहत नहीं हुआ था। विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी वीडियो फुटेज जारी करने की मांगों को दरकिनार कर दिया। बताया जाता है कि सेना ने सरकार को फुटेज सौंपे हैं। उन्होंने कहा, सरकार क्या जारी करती है और क्या नहीं, यह पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा से निर्धारित होता है और होता रहेगा। मुझे और कुछ नहीं कहना।
स्वरूप ने कहा कि पड़ोसियों के खिलाफ अपनी जमीन से प्रायोजित आतंकवाद से पाकिस्तान का इनकार करना सामान्य बात है। उन्होंने कहा, ओसामा बिन लादेन और मुल्ला उमर के मारे जाने के बाद भी इस तरह के इनकार किए गए थे। लेकिन हम सब सच जानते हैं। (एजेंसी)