समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक स्विटरजरलैंड की संघीय परिषद ने शुक्रवार को यह अनुमति दी है।इसके लिए अब किसी तरह की जनमत की जरूरत नहीं होगी साथ ही इसके लागू होने में कोई अड़चन नहीं आएगी. इससे देश से बाहर काला धन जमा करने पर अंकुश लगेगा.
बैंकिंग सूचनाओं के आदान-प्रदान की शुरुआत के बारे में स्विटरजरलैंड की संघीय परिषद भारत सरकार को जानकारी देगी. स्विटरजरलैंड सरकार के मुताबिक सूचना का आदान-प्रदान शुरू करने से पहले वे यह देखेगी कि भारत और अन्य देश गोपनीयता और सूचनाओं की हिफाजत के नियमों के पालन के लिए तैयार हैं या नहीं.
गौरतलब है कि मार्च महीने में स्विट्जरलैंड ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कालेधन से संबंधित सूचनाओं के स्वत: लेने-देन की प्रस्तावित व्यवस्था के मद्देनजर गोपनीयता की शर्त को भंग किया गया तो वह सूचना देने के की प्रक्रिया को रोक सकता है।
स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों के विभाग एसआईएफ ने कहा था कि घरेलू वित्तीय संस्थाएं पहली बार इस साल आंकड़े एकत्रित कर रही हैं.यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सूचनाएं गलत हाथों में ना जाएं और गलत इस्तेमाल न हो. विभाग के मुताबिक, स्विट्जरलैंड उन सभी देशों और क्षेत्रों के साथ कर-संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को सैद्धांतिक रूप से तैयार है, जो इससे जुड़ी शर्तों को पूरा कर रहे हैं. इस व्यवस्था के लागू होने से स्विट्जरलैंड में भारतीयों के कथित काला धन जमा करने की निगरानी की जा सकेगी।