हैदराबाद। तेलंगाना सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं - कृषि के लिए मुफ्त बिजली, अनाज खरीद, रायथु बंधु, रायथु बीमा और ऋण माफी जैसी किसान अनुकूल योजनाओं के कारण तेलंगाना सर्वाधिक अन्न उत्पादक राज्य बन गया है।
वर्ष 2014 में तेलंगाना में खेती योग्य भूमि का क्षेत्रफल 1.31 लाख करोड़ एकड़ था और 2022-23 तक यह 2 करोड़ 20 लाख एकड़ है। वर्ष 2014-15 में अनाज उत्पादन केवल 68 लाख टन था, लेकिन 2022-23 तक यह लगभग 2.70 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर तक पहुंच गया है।
वर्ष 2014-15 में कपास की खेती का क्षेत्रफल 41.83 लाख एकड़ था, 2020-21 तक (44.70% वृद्धि) 18.70 लाख एकड़ बढ़कर 60.53 लाख एकड़ हो गया है। 2014-15 में कपास की पैदावार 35.83 लाख गांठ और 2020-22 तक 63.97 लाख गांठ थी। तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य है जो किसानों से सारा अनाज सीधे खरीदता है। राज्य गठन के बाद से अब तक रू. 1 लाख 33 हजार करोड़ खर्च हुए और 722.92 लाख मीट्रिक टन अनाज इकट्ठा हुआ। अनाज के अलावा अन्य फसलें 11,437.55 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गईं।
तेलंगाना सरकार खेती के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रही है। 27.49 लाख कृषि कनेक्शनों को निःशुल्क विद्युत आपूर्ति की जा रही है जिसपर 32700 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुफ्त बिजली आपूर्ति के लिए प्रति वर्ष 10,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए रायथु बंधु योजना लागू की जा रही है। रायथु बंधु योजना के माध्यम से प्रति एकड़ प्रति वर्ष 10 हजार रुपये किसानों जमा दिए जाते हैं। अबतक दस चरणों में किसानों के खातों में 65,190 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं। इस बरसात के मौसम में 11वें चरण रायथु बंधू के तहत 64.49 लाख किसानों को 5854.16 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार किसान कर्ज माफी लागू कर रही है। अब तक दो किस्तों में तेलंगाना सरकार 17,351.47 करोड़ रुपये माफ कर चुकी है। सरकार ने हाल ही में एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है। सरकार रायथु बीमा योजना लागू कर रही है। किसान की अचानक मृत्यु होने पर पांच लाख रूपए दिए जाते हैं। रायथु बीमा योजना के तहत 108051 किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं, उन्हें 5402.55 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है।
तेलंगाना में कृषि क्षेत्र के पुनरुद्धार से लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि हुई है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2014-15 में 1,12,162- रुपये थी, 2022-23 (अनुमानित) में यह बढ़कर 3,17,115 रुपये हो गई है।
के.चंद्रशेखर राव के मुख्यमंत्री बनने के बाद तेलंगाना के कृषि क्षेत्र में स्वर्ण युग की शुरुआत हुई। तेलंगाना के किसानों के भेदभाव और कठिनाइयों को महसूस करते हुए, उनका मानना था कि कृषि क्षेत्र के पुनरुद्धार का एकमात्र समाधान सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना था। गोदावरी और कृष्णा जल का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए, एसआरएसपी बाढ़ नहर जो अधूरी छोड़ दी गई थी और कालेश्वरम, पलामुरू-रंगा रेड्डी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं जैसी परियोजनाएं शुरू की गईं। सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण पर 9 साल में 1.59 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं। कालेश्वरम परियोजना को रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया। काकतीय युग के श्रृंखलाबद्ध तालाबों को पुनर्स्थापित करने के लिए मिशन काकतीय के तहत 5249 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
कृषि में यंत्र को बढावा देने हेतु सरकार ने अबतक कुल 963.26 करोड़ रुपये खर्च किये जा हैं। इससे 6.66 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। वर्ष 2014-15 में सिर्फ 94,537 कृषि ट्रैक्टर थे लेकिन अब इनकी संख्या 3.52 लाख हो गई है। हार्वेस्टर 201 में 6,318 से बढ़कर 19,309 हो गए हैं। वर्ष 2014-15 में गोदामों की क्षमता 39.01 लाख मीट्रिक टन थी, अब यह बढ़कर 73.82 लाख मीट्रिक टन हो गई है। किसानों को सलाह देने के लिए बाजार अनुसंधान और विश्लेषण विंग की स्थापना की गई है