रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के ब्लैकआउट से पावर ग्रिड फेल होने की राज्यों की आशंकाओं के बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है। इसने कहा है कि नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर ने ग्रिड बैलेंसिंग की मुकम्मल तैयारी की है। क्षेत्रीय और राज्य स्तरीय लोड डिस्पैच सेंटर को भी ऐसा करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने लोगों से घरों की लाइट 9 मिनट तक बुझाने को कहा है, स्ट्रीट लाइट बंद करने या टीवी, फ्रिज, एसी जैसे अप्लायंसेज के स्विच ऑफ करने को नहीं कहा है। मांग में ज्यादा उतार-चढ़ाव से निपटने के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, इसलिए लोग चिंता न करें और अपने अप्लायंसेज को बंद न करें। स्थानीय निकायों से भी स्ट्रीट लाइट जलाए रखने को कहा गया है।
प्रधानमंत्री ने किया है 9 मिनट के ब्लैकआउट का आह्वान
गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 5 अप्रैल की रात 9 बजे से 9 मिनट के लिए बत्तियां बंद करने का आह्वान किया था। इसके बाद कई राज्यों ने अपने इंजीनियरों को निर्देश दिया कि इस दौरान किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें, क्योंकि बिजली की डिमांड में अचानक बड़ी गिरावट और फिर अचानक तेज मांग का असर ग्रिड पर भी पड़ सकता है।
राज्यों ने ये दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने राज्य की वितरण कंपनियों से रविवार की शाम 8 से 9 के दौरान अलग-अलग समय पर लोड शैडिंग करने के लिए कहा है। तमिलनाडु ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ने भी अपने ऑपरेशनल एग्जीक्यूटिव्स को इसी तरह के निर्देश दिए हैं और यह भी कहा है कि उस दौरान पर्याप्त संख्या में स्टाफ ड्यूटी पर मौजूद रहे। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि पूरे देश में एक साथ ब्लैकआउट होने से आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को बत्तियां बुझाए बिना दीये और मोमबत्तियां जलानी चाहिए क्योंकि अगर सभी बत्तियां एक साथ बुझा दी गईं तो पावर ग्रिड फेल हो सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार फ्रीक्वेंसी अचानक बढ़ना या गिरना दोनों ग्रिड के लिए खतरनाक
विशेषज्ञों के अनुसार ग्रिड की आदर्श फ्रीक्वेंसी 49.99 से 50.05 हर्ट्ज होती है। फ्रीक्वेंसी का अचानक बढ़ना ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि इससे ग्रिड नष्ट होने का खतरा रहता है। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के पूर्व एमडी और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के पूर्व चीफ इंजीनियर आरके वर्मा ने बताया कि सिस्टम में बिजली की उपलब्धता की तुलना में जब डिमांड काफी ज्यादा हो जाती है तो फ्रीक्वेंसी गिरने के कारण ग्रिड फेल हो जाता है। इसी तरह जब सिस्टम में बिजली काफी उपलब्ध होती है और डिमांड बहुत कम रहती है तब फ्रीक्वेंसी बढ़ने के कारण ग्रिड फेल होने का डर रहता है।