देश के कई शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 15 से 18 आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण अभियान सोमवार से शुरु हुआ। के पहले दिन 40 लाख से अधिक किशोरों ने कोविड-19 रोधी टीके की अपनी पहली खुराक ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
टीकाकरण कार्यक्रम स्कूलों की सलाह से अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आयोजित किया जा रहा है। टीकाकरण केंद्रों के रूप में भी बड़ी संख्या में स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले दिन किशोरों ने पूरा जोश दिखाया और इसके साथ ही भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान में आज एक और उपलब्धि जुड़ गई। साल 2007 और उससे पहले पैदा हुए बच्चे कोरोना का टीका लगवा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर टीकाकरण अभियान के पहले दिन टीका लगवाने वालों और उनके परिजनों को बधाई दी और इस अभियान में अधिक से अधिक किशोरों से शामिल होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 से युवाओं को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में आज हमने एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। टीका लगवाने वाले 15 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के सभी किशोरों को बधाई! उनके परिजनों को भी बधाई। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि आने वाले दिनों में वह भी टीका लगवाएं।’’
पीएम मोदी ने 25 दिसंबर को तीन जनवरी से राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में 15 से 18 आयु वर्ग को शामिल करने की घोषणा की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, इस आयु वर्ग के लिए टीके का विकल्प केवल कोवैक्सीन होगा।
देश में पिछले साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी और अब तक 90 फीसदी से अधिक पात्र नागरिकों को पहली खुराक और 65 फीसदी लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 11 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही 100 प्रतिशत पहली खुराक टीकाकरण हासिल कर लिया है, जबकि तीन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 100 प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण हासिल कर लिया है।