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'सरकार के 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली के लिए बाजार तैयार, साथ में होंगी लाखों नौकरियां'

केन्द्र सरकार ने रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली प्राप्त के लक्ष्य को हासिल करने...
'सरकार के 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली के लिए बाजार तैयार, साथ में होंगी लाखों नौकरियां'

केन्द्र सरकार ने रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में 2030 तक 500 गीगावॉट बिजली प्राप्त के लक्ष्य को हासिल करने के लिए, अगले 5 वर्षों में  सालाना 50 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है, इसे देखते हुए बाजार में जबदस्त तेजी देखी जा रही है।

रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 30.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत होगी। यही नहीं इस लक्ष्य को हासिल करने में लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। यह जानकारी गुरुवार को ग्रेटर नोएडा एक्सपो सेंटर में आयोजित रीन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो के 17वें संस्करण का उद्घाटन मौके पर इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास ने पत्रकारों से बातचीत में दी। इसी के साथ बैटरी शो इंडिया के दूसरे संस्करण का आयोजन भी किया जा रहा है। इस तरह यह आयोजन नवीकरणीय उर्जा, बैटरी स्टोरेज एवं ईवी सेक्टरों के लिए महत्वपूर्ण मंच होगा, और दोनों उद्योगों के लिए आपसी सहयोग और इनोवेशन्स को बढ़ावा देगा।

प्रदर्शनी के उद्घाटन मौके पर राजस्थान ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री हीरा लाल नागर ने कहा, ‘‘राजस्थान भारत की नवीकरणीय उर्जा लक्ष्यों में मुख्य भूमिका निभाता है, यह प्रदेश प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप देश के 500 गीगावॉट लक्ष्यों में मुख्य योगदान दे रहा है। विशाल रेगिस्तान के चलते यहां सौर और पवन उर्जा का उपयोग करने के लिए अपार संभावनाएं हैं। वर्तमान में राज्य और 20,000 मेगावॉट सौर उर्जा का उत्पादन करता है, जिसमें से 5000 मेगावॉट उर्जा का उपयोग स्थानीय रूप से किया जाता है, शेष उर्जा को देश के अन्य स्थानों पर भेजा जाता है। हमने अगले 4-5 सालों में उर्जा सेक्टर में रु 5 लाख करोड़ के निवेश की योजनाएं बनाई हैं। हम रूफटॉप सोलर के 1000 मेगावॉट के लिए टेंडर पर काम कर रहे हैं और अपने ग्रिड एवं ट्रांसमिशन सिस्टम का मजबूत बनाते हुए राज्य एवं देश के स्थायी विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं।"

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश बिजली एवं नवीकरणनीय विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव, शांतनु जयसवाल, हैड ऑफ इंडिया रीसर्च, ब्लूमबर्ग, एनईएफ; एलेक्स व्हिटवर्थ, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं हैड ऑफ एशिया पेसिफिक पावर एण्ड रीन्युएबल्स रीसर्च, वुड मैकेन्ज़ी; पीटर हॉल, प्रेज़ीडेन्ट, आईएमईटीए क्षेत्र, इन्फोर्मा मार्केट्स; रजनीश खट्टर, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर, एनर्जी पोर्टफोलियो, इनफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया शामिल रहे।

योगेश मुद्रास ने कहा, ‘‘रीन्युएबल एनर्जी एक्सपो और बैटरी शो इंडिया, देश की सीओपी 26 प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं, जो कार्बन फुटप्रिन्ट कम करने और नवीरकरणीय उर्जा को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 45 फीसदी तक कम करने के लक्ष्यों के साथ यह प्रदर्शनी नवीकरणीय उर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका पर रोशनी डालती है। इसमें कई महत्वपूर्ण प्रगतियों को दर्शाया गया है जैसे 37.49 गीगावॉट की कुल क्षमता वाले 50 सोलर पार्कों के लिए अनुमोदन, 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य और 2030 तक 30 गीगावॉट ऑफशोर पवन उर्जा हासिल करने के लक्ष्य।’’ बैटरी शो इंडिया भी देश के विकसित होते बैटरी स्टोरेज मार्केट पर रोशनी डाल रहा है, जो 2031-32 तक 47 गीगावॉट तक पहुंचने का अनुमान है।  मनु श्रीवास्तवमध्य प्रदेश के रेवा में परियोजना बिना सब्सिडी के सौर उर्जा की लागत कोयले से भी कम करने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

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