राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का पानी धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया है, लेकिन अभी भी नदी खतरे के निशान से ऊपर है।रविवार सुबह 8 बजे तक जलस्तर 206.02 दर्ज किया गया। दिल्ली सरकार, एनडीआरएफ समेत पुलिस प्रशासन दिल्ली की स्थिति सामान्य करने की कोशिश में लगे हैं। लाल किला, आईटीओ, सुप्रीम कोट, निगम बोध घाट समेत तमाम जगहों पर पानी ही पानी है। कई रास्ते बंद हैं और यातायात प्रभावित है। इस बीच दिल्ली के लिए चुनौतियां भी कम नहीं है। वहीं, मौसम विभाग ने आज दिल्ली-एनसीआर में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
बता दें कि दिल्ली की कई सड़कें तालाब बनीं हुई हैं। लाल किले से लेकर राजघाट तक पानी ही पानी है, निचले इलाकों में घर डूबने के कारण कई परिवार बेघर हो गए हैं। जहां हालात बदतर हो गए वहां रेस्क्यू करके लोगों को निकाला गया। वहीं, कई ऐसे इलाके हैं जहां लोग घरों में फंसे हुए हैं।
बारिश होने की संभावना
राजधानी दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों में अगले 5 दिनों तक बारिश होने की संभावना है। दिल्ली के कई इलाकों में पहले ही यमुना का पानी भरा है। ऐसे में बारिश के बाद स्थिति बिगड़ सकती है। मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा और आसपास के इलाकों में अगले पांच दिन बारिश होने की संभावना है।
मंत्रियों को राहत बचाव कार्य की जिम्मेदारी
बाढ़ प्रभावित जिलों में दिल्ली सरकार ने 6 मंत्रियों को राहत बचाव कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। साउथ ईस्ट जिले की ज़िम्मेदारी कैलाश गहलोत को दी गई है। वहीं, आतिशी को नॉर्थ ईस्ट जिले, सौरभ भारद्वाज को ईस्ट में राहत कार्य की जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री राजकुमार आनंद को नॉर्थ, इमरान हुसैन को सेंट्रल और गोपाल राय को शाहदरा क्षेत्र में राहत बचाव करने की जिम्मेदारी दी गई है। रविवार को भी दिल्ली में बारिश होने की आशंका है। यदि ऐसा होता है तो दिल्ली के कई इलाके एक बार फिर जलमग्न हो सकते हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
सड़कों पर जलभराव के कारण दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में खान मार्केट और तीन मूर्ति गोल चक्कर जैसे रास्तों से ना जाने की सलाह दी गई है। इतना ही नहीं दिल्लीवासियों के आगे अब तीन और बड़ी समस्या है, ये समस्या सड़कों पर गंदे पानी से बीमारी फैलने का डर, साफ पानी की किल्लत और बारिश होने से फिर जलभराव का डर है। ऐसे में भले ही यमुना नदी का जलस्तर कम हो रहा हो लेकिन लोगों की मुसीबत अभी भी उतनी ही है।