जर्मनी की ऑनलाइन फैशन रिटेलर कंपनी जलांडो एसई के को-सीईओ रुबिन रिटर ने पत्नी के करियर के लिए 750 करोड़ रुपये को बोनस छोड़ने का फैसला किया है। रुबिन रिटर ने कहा है कि वह अगले साल रिटायर हो जाएंगे ताकि उनकी पत्नी को अपना करियर आगे बढ़ाने में मदद मिले। अब घर और बच्चों की जिम्मेदारी वह संभालेंगे। रिटर अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें 10 करोड़ डॉलर यानी लगभग 750 करोड़ रुपये का बोनस छोड़ना होगा।
रिटर 6 दिसंबर को जारी एक बयान में ने कहा कि हमने मिलकर यह फैसला किया है. आने वाले वर्षों में पत्नी के करियर को रफ्तार देना हमारी प्राथिमकता है। रिटर की पत्नी जज हैं। हालांकि रिटर के इस फैसले को बर्लिन स्थित कंपनी जलांडो एसई के लिए पब्लिसिटी स्टंट माना जा रहा है। कंपनी जेंडर असमानता को लेकर कंज्यूमर के निशाने पर रही है।
जलांडो एसई के ज्यादातर ग्राहक महिलाएं हैं लेकिन पांच सदस्यीय बोर्ड में सारे श्वेत पुरुष हैं। कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में महिलाओं की नुमाइंदगी न होने के चलते बीते दिनों उनकी काफी आलोचना हो रही थी। बाद कंपनी ने टॉप एक्जीक्यूटिव लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का वादा किया था। कंपनी ने कहा था कि वह 2023 तक मैनेजमेंट बोर्ड में महिलाओं की नुमाइंदगी बढ़ा कर 40 फीसदी कर देगी।
जलांडो में टॉप लेवल पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व का न होना कोई अचरज की बात नहीं है। यूरोपीय देशों में से जर्मनी जेंडर पे-गैप में काफी आगे है। यहां की कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का स्तर यूरोपीय देशों में सबसे कम है। ऑलब्राइट फाउंडेशन के मुताबिक जर्मनी की सबसे बड़ी 160 कंपनियों में के बोर्ड में सिर्फ 9.3 फीसदी महिलाएं हैं।