जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मंगलवार को हुई हिमस्खलन की घटना में तीन जवान शहीद हो गए। मंगलवार को कुपवाड़ा जिले के तंगधर सेक्टर में एक सैन्य कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया था जिसके बाद कई जवान लापता बताए जा रहे थे। सेना के सूत्रों का कहना है कि इस घटना में भारतीय सेना के तीन जवानों की मौत हो गई।
बता दें कि उत्तरी कश्मीर के कई इलाकों में मंगलवार देर शाम जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। कश्मीर के कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में हुई हिमस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में कई जवान लापता बताए गए। लापता जवानों की तलाश में सेना की एआरटी को लगाया गया था।
18 नवंबर को 4 जवान शहीद हुए
हाल ही में सियाचिन ग्लेशियर में हुई अलग-अलग हिमस्खलन की घटनाओं में कई जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सियाचिन को दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र के रूप में जाना जाता है। तीन दिन पहले सियाचिन के दक्षिणी इलाके में हुए हिमस्खलन में सेना के दो जवान शहीद हुए थे। इससे पहले 18 नवंबर को भी सियाचिन ग्लेशियर में हुए भीषण हिमस्खलन में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा दो पोर्टरों की भी मौत हो गई गई थी।
1984 से अबतक 1000 से अधिक जवान शहीद
सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में भारतीय सेना के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, साल 1984 से लेकर अब तक हिमस्खलन की घटनाओं में सेना के 35 ऑफिसर्स समेत 1000 से अधिक जवान सियाचिन में शहीद हो चुके हैं। 2016 में ऐसे ही एक घटना में मद्रास रेजीमेंट के जवान हनुमनथप्पा समेत कुल 10 सैन्यकर्मी बर्फ में दबकर शहीद हो गए थे।