तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय के बाहर 24 घंटे के धरने पर बैठे और मांग की कि सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदला जाए। डेरेक ओ'ब्रायन, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष सहित टीएमसी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर चुनाव आयोग (ईसी) की पूर्ण पीठ से मुलाकात की।
टीएमसी सांसदों का 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में भारतीय चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरने पर बैठा। बाद में पुलिस सभी को धऱनास्थल से ले गई और डिटेन कर लिया। टीएमसी ने पुलिस पर महिला नेताओं के साथ बदसलूकी का आरोप भी लगाया। सांसदों ने मांगे पूरी होने तक बेमियादी धरने की चेतावनी दी थी।
टीएमसी आरोप लगाती रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही हैं। उन्होंने कहा, ''भाजपा हमारे खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। जिस तरह से एनआईए, ईडी और सीबीआई काम कर रही हैं और टीएमसी नेताओं को निशाना बना रही हैं वह शर्मनाक है।''
सेन ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, हम चुनाव आयोग से सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने का अनुरोध करेंगे। टीएमसी ने रविवार को चुनाव से पहले एनआईए और भाजपा के बीच "अपवित्र गठबंधन" का आरोप लगाया, जिसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने किसी भी गलत इरादे से इनकार किया और पूरे विवाद को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में 2022 के विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने गई एनआईए की एक टीम पर शनिवार को कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांचकर्ताओं पर ग्रामीणों पर हमला करने का आरोप लगाया था।