त्रिपुरा स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को कथित तौर पर उस घटना की जांच के आदेश दिए, जहां एक चिकित्सा सामग्री आपूर्तिकर्ता को एक सरकारी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में सर्जनों की सहायता करते देखा गया था। हॉस्पिटल अथॉरिटी के मुताबिक, अगर घटना सच साबित हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
कथित वीडियो में, सर्जन का एप्रन पहने एक व्यक्ति 19 जनवरी को इंदिरा गांधी मेमोरियल (आईजीएम) अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में दो आर्थोपेडिक सर्जनों की मदद करते हुए देखा गया था। जिस अस्पताल की बात हो रही है वह त्रिपुरा का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंतू देबनाथ नाम का यह शख्स आर्थोपेडिक मरीजों के लिए इम्प्लांट सामग्री का सप्लायर है। स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. सुप्रिया मलिक ने पीटीआई-भाषा को बताया, "फुटेज के आधार पर, स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक डॉ. सौविक देबबर्मा की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय समिति घटना की गहन जांच करेगी और एक सप्ताह के भीतर अपने निष्कर्ष सौंपेगी।"
आईजीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देबश्री देबबर्मा ने कहा, "ऑपरेशन थिएटर में सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान जंतू देबंथ मौजूद नहीं थे और न ही उन्होंने आर्थोपेडिक सर्जनों की मदद की।" उन्होंने कहा, "हम किसी बाहरी व्यक्ति के ऐसे साहसिक कदम का समर्थन नहीं करते हैं।"