तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने शुक्रवार को विमानन नियामक बीसीएएस के उस फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उसने ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में’’ उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने तथा पड़ोसी देश में आतंकवादी शिविरों पर भारत के हमलों की निंदा करने के कुछ दिनों बाद फर्म की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई थी। मामले से जुड़े एक वकील ने याचिका दायर किये जाने की पुष्टि की है तथा यह याचिका अगले सप्ताह सूचीबद्ध होने की संभावना है।
सेलेबी, भारतीय विमानन क्षेत्र में 15 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है तथा इसमें 10,000 से अधिक लोग कार्यरत हैं। यह नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने एक आदेश में कहा, "... राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।" तुर्की की सेलेबी कंपनी की इस इकाई को सुरक्षा मंजूरी नवंबर 2022 में दी गई थी।
सेलेबी की वेबसाइट के अनुसार, यह कंपनी भारत में प्रतिवर्ष लगभग 58,000 उड़ानें और 5,40,00 टन माल का संचालन करती है। यह मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई हवाई अड्डों पर मौजूद है। पाकिस्तान ने भारत के साथ सैन्य संघर्ष में भी बड़े पैमाने पर तुर्की ड्रोन का इस्तेमाल किया था।
इससे पहले जारी एक बयान में सेलेबी एविएशन इंडिया ने कहा कि वह भारतीय विमानन, राष्ट्रीय सुरक्षा और कर नियमों का पूर्ण अनुपालन करती है तथा पूरी पारदर्शिता के साथ काम करती है। इसने भारत में कंपनी के स्वामित्व और परिचालन के संबंध में सभी आरोपों को खारिज कर दिया तथा देश के विमानन क्षेत्र के प्रति अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
दिल्ली हवाई अड्डे के परिचालक डायल ने भी कहा था कि उसने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो संचालन के लिए जिम्मेदार सेलेबी संस्थाओं के साथ अपना सहयोग औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया है। सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड क्रमशः ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख कर रहे थे।