मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यूसीसी (यूनिफार्म सिविल कोड) की पहल अब देशभर में गूंज रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल की जनसभा से इस कानून की देश को जरूरत होने की बात करके सीएम धामी की इस दिशा में की गई पहल पर अपनी मोहर लगाई है। जल्द ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो जाएगा और उत्तराखंड ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। इसके बाद भाजपा शासित अन्य राज्यों के साथ ही केंद्र सरकार भी इसे लागू करने की दिशा में कदम उठा सकती है।
2017 के विस चुनाव का नतीजा आने से पहले मुख्यमंत्री धामी ने सबसे पहले यूसीसी की बात की थी। मार्च-2022 में फिर से सीएम की शपथ लेते ही धामी ने सबसे पहले इसी कानून की बात की। इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कदम उठाया और कमेटी को इसका ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मा सौंपा। यह कमेटी सभी पक्षों से बात करके और उनके सुक्षावों को लेकर इसका मसौदा तैयार कर चुकी है। यह ड्राफ्ट जुलाई के पहले सप्ताह में सरकार को मिल जाएगा। इसी सप्ताह होने वाली कैबिनेट बैठक में उसे मंजूर भी कर दिया जाएगा। सीएम धामी साफ कर चुके हैं कि यूसीसी को जल्द ही सूबे में लागू किया जाएगा।
यहां तक को मामला उत्तराखंड तक ही सीमित था। लेकिन विगत दिवस पीएम मोदी ने भोपाल की जनसभा ने इसे देशव्यापी बना दिया है। मोदी ने कहा कि देश को यूसीसी की जरूरत है। यह कैसे चल सकता है कि एक घर में दो कानून लागू हों। मोदी ने यह कहकर संदेश दिया है कि वे उत्तराखंड के यूसीसी कानून से इत्तिफाक रखते हैं। जाहिर है कि पीएम मोदी के ये लफ्ज सीएम धामी की यूसीसी की पहल पर एक तरह से मोहर ही मानी जाएगी।
पीएम मोदी के इस संदेश के बाद धामी सरकार का यूसीसी देश के अन्य भाजपा शासित राज्यों के लिए भी एक नसीहत की तरह ही होगा। हो सकता है कि अन्य राज्य भी इस कानून का अध्ययन करके इस उत्तराखंड के कानून को लागू करने की दिशा में आगे आएं। यह भी संभव है कि उत्तराखंड में कानून लागू होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार भी इस दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाए।