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आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव में बोले कृषि मंत्री, 'इस सरकार ने पहली बार इंटीग्रेटेड खेती की पहल की'

मंगलवार को नई दिल्ली में आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड इनोवेशन अवॉर्ड कार्यक्रम के अवसर पर आउटलुक...
आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव में बोले कृषि मंत्री, 'इस सरकार ने पहली बार इंटीग्रेटेड खेती की पहल की'

मंगलवार को नई दिल्ली में आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड इनोवेशन अवॉर्ड कार्यक्रम के अवसर पर आउटलुक एग्रीकल्चर पोर्टल का शुभारंभ हुआ। इस दौरान केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने किसानों की बेहतरी के लिए सरकार के कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कृषि, सिंचाई, बीज, भंडारण और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है।

खेती में विविधता पर जोर देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "इस सरकार ने पहली बार इंटीग्रेटेड खेती की पहल की जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाने, मिट्टी की उर्वरता, फसल पैदावार में वृद्धि में काफी मदद मिली है। यही वह मंत्र है जो 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने में मददगार साबित होगा। इसके तहत वानिकी, मत्स्य पालन, पशुधन वर्धन वगैरह को खेती किसानी से सीधे जोड़ा गया जिसे हम इंटीग्रेटेड खेती कहते हैं। पिछले तीन साल में देश में बागवानी का उत्पादन खाद्यान्न उत्पादन से आगे निकल गया है। यह पहली बार हुआ है। डेयरी और दुग्ध उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हम किसानों को खेती के साथ-साथ डेयरी, मधुमक्खी पालन और मछलीपालन के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। इनमें  किसानों की आमदनी बढ़ाने की बहुत संभावनाएं हैं।"

कृषि के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि पहली बार नीम कोटेड यूरिया किसानों को सस्ते दर पर मुहैया कराया जाने लगा। जिससे खेती की लागत कम हुई। साथ ही खेतों की उर्वरकता और फसल की पैदावार बढ़ी। इससे यूरिया की खपत देश में 10 प्रतिशत तक घट गई है। इस सरकार ने जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए पहली बार योजनाएं बनाई और बजट आवंटन किया। पहली बार सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किया गया। आज करोड़ों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। फसल बीमा और कृषि ऋण योजना भी किसानों की हालत बेहतर करने के काम आई है। यानी इन्हीं तीन सालों में वह सब हुआ जो साठ साल में नहीं हो पाया था।'

उन्होंने कहा, 'यह सर्वविदित है कि भारत की जनसंख्या का एक विशाल भाग कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है। उनकी समृद्धि और खुशहाली इस क्षेत्र की खुशहाली से जुड़ी हुई है। इसलिए कृषि क्षेत्र की तीव्र गति के साथ प्रगति सुनिश्‍चित करना न केवल खाद्यान्‍न आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए जरूरी है, बल्‍कि यह कृषि क्षेत्र पर निर्भर लोगों की आय बढ़ाने के लिए भी आवश्‍यक है।'

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