इन दिनों देश में ‘मी टू कैंपेन’ चर्चा का विषय बना हुआ। बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता के नाना पाटेकर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाने के बाद इस मामले पर विवाद दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है।
मी टू कैंपेन को लेकर हाल ही में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी बयान दिया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कानून मंत्रालय से कहा है कि बाल यौन उत्पीड़न के लिए तय आयुसीमा हटाई जाए ताकि ‘10-15 साल बाद’ भी लोग ऐसे मामलों की शिकायत कर सकें।
'वह बहुत खुश हैं कि ‘मीटू अभियान’ भारत में भी शुरू हो गया'
मेनका ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि वह बहुत खुश हैं कि ‘मीटू अभियान’ भारत में भी शुरू हो गया है और इससे महिलाओं को सामने आकर शिकायत करने का हौसला मिला है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘जिसने उत्पीड़न किया है, उसे पीड़िता कभी नहीं भूल सकती। हमने कानून मंत्रालय को लिखा है कि किसी आयुसीमा के बगैर लोगों को शिकायत करने की अनुमति होनी चाहिए।’
'यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना तीन वर्ष के अंदर देना अनिवार्य'
आपराधिक दंड प्रक्रिया की धारा 468 के तहत बाल यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना तीन वर्ष के अंदर देना अनिवार्य है। हालांकि दंड प्रक्रिया की धारा 473 के अनुसार, न्याय के हित में अदालत किसी पुराने मामले का भी संज्ञान ले सकती है।
कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है
दरअसल, मौजूदा कानूनी प्रावधानों के तहत बालिग यानी 18 साल के होने पर बाल यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराना कठिन हो जाता है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी पीड़ित यौन उत्पीड़न की शिकायत घटना के ‘10-15 साल’ बाद भी कर सकता है।
'यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं'
‘मीटू’ अभियान’ का उल्लेख करते हुए मेनका ने कहा, ‘मैं आशा करती हूं कि यह इस तरह नियंत्रण से बाहर नहीं चला जाए कि हम उन लोगों को निशाना बनाएं जिनसे हमें परेशानी हुई हो। लेकिन मेरा मानना है कि यौन उत्पीड़न को लेकर महिलाएं आक्रोशित हैं।’
जानें तनुश्री दत्ता के आरोपों पर मेनका गांधी ने क्या कहा-
इससे पहले मेनका गांधी ने टीवी चैनलों से कहा था,‘हमें मी टू इंडिया जैसा अभियान चलाने चाहिए जिसमें अगर किसी महिला के साथ कभी उत्पीड़न हुआ हो, वह हमें लिखे और हमें उसकी जांच करनी चाहिए।’
यह पूछे जाने पर कि लोग तनुश्री दत्ता से सवाल कर रहे हैं कि उसने मामले का खुलासा करने में इतनी देर क्यों की। मेनका ने कहा कि लोगों ने यह सवाल उस पीड़िता से भी किया था, जिसने पहली बार हॉलीवुड निर्देशक हार्वे वेनस्टेन के खिलाफ मुंह खोला था। इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि पीड़िता कब सामने आती है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, लेकिन मैं यह जानती हूं कि जब आपके शरीर का उत्पीड़न किया जाता है तो आप उसे हमेशा याद रखते हैं। यदि किसी भी तरह यौन उत्पीड़न होता है तो उसकी एसएचई बॉक्स के जरिए शिकायत की जा सकती है. हम कार्रवाई करेंगे।’