इलाहाबाद हाईकोर्ट में उन्नाव गैंगरेप मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट कल शुक्रवार दोपहर दो बजे इसका फैसला सुनाएगी। इससे पहले कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार से पूछा कि आप लोग विधायक को गिरफ्तार करना चाहते हो या नहीं। इस पर राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद कोर्ट ने सरकार के इस जवाब पर नाराजगी जताई।
गिरफ्तारी पर जताई लाचारी
गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि 4 जून 2017 को विधायक पर रेप का आरोप लगा। एसआईटी की रिपोर्ट पर 11 अप्रैल 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई। कोर्ट ने कहा कि विधायक के खिलाफ जो भी आरोप हैं वो सभी गंभीर हैं। इस पर एसआईटी की तरफ से बताया गया कि विधायक की गिरफ्तारी करना चाहते हैं, लेकिन मामला सीबीआई को ट्रांसफर हो गया है, इसलिए गिरफ्तारी नहीं कर सकते। इस पर कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई जांच शुरू होने तक क्या एसआईटी हाथ पर हाथ रखकर बैठी रहेंगी। उधर, यूपी सरकार के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की।
पुलिस ने पल्ला झाड़ा
इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। आरोपी विधायक की गिरफ्तारी के सवाल पर यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहा कि वह अभी सिर्फ आरोपी हैं। उनकी गिरफ्तारी का फैसला सीबीआई करेगी।
बरती गई लापरवाही
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में एडीजी लखनऊ जोन शामिल थे। उन्होंने पीड़िता, उसकी मां और आरोपी विधायक पक्ष के बयान दर्ज किए। तीन स्तर पर जांच की गई। पहली जांच एसआईटी, दूसरी डीआईजी जेल और तीसरी डीएम उन्नाव को सौंपी गई थी। इसमें कई स्तर पर लापरवाही सामने आई। आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। आरोपी विधायक पर उन्नाव के माखी थाने में बुधवार देर रात आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और पॉक्सो कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।
बता दें कि हाईकोर्ट में उन्नाव मामले में सुबह सवा दस बजे से सुनवाई शुरू होनी थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने दोपहर 12 बजे तक सुनवाई टालने की अपील की थी। चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस सुनीत कुमार की डिवीजन बेंच उन्नाव मामले में सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने कल इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार से जवाब तलब किया था।