जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित कराने के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने फिर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए वह चीन को मनाने में जुट गए हैं। तीनों देश अन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार कर रहे हैं। चीन की मांग के मुताबिक, यूएन में प्रस्ताव की भाषा में कुछ बदलाव भी किया जा सकता है या फिर प्रस्ताव पर ओपन वोटिंग भी कराई जा सकती है।
माना जा रहा है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन अब चीन के साथ मसूद अजहर के प्रस्ताव की भाषा को लेकर पिछले 50 घंटों से बातचीत कर रहे हैं ताकि कोई ‘समझौता' किया जा सके। बताया जाता है कि चीन ने अजहर को आतंकवादी घोषित किए जाने की भाषा में ‘कुछ बदलावों' का सुझाव दिया है और अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस इन सुझावों पर विचार कर रहे हैं।
प्रस्ताव पर कराई जा सकती है ओपन वोटिंग
माना जा रहा है कि अगर इस प्रयास के बावजूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित नहीं किया जाता तो तीनों स्थायी सदस्य इस मुद्दे पर खुली बहस के लिए प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली शाखा सुरक्षा परिषद में पेश करने की योजना बना रहे हैं, जिसके बाद प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।दान होगा। हालांकि, सुरक्षा परिषद समिति की आंतरिक वार्ताएं गोपनीय रखी जाती हैं।
चौथी बार वीटो लगाया था चीन ने
चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकवादी घोषित किए जाने के बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव पर बुधवार को चौथी बार वीटो लगा दिया था। इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था। 10 से अधिक देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
तीनों देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कुछ दिनों बाद प्रस्ताव पेश किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे। भारत ने चीन के इस रुख के प्रति निराशा जताई है।