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वाइको राजद्रोह के आरोप से बरी

एक स्थानीय अदालत ने एमडीएमके के संस्थापक वाइको को प्रतिबंधित संगठन लिट्टे का समर्थन करने और राजद्रोह के आरोपों से जुड़े 2008 के एक मामले में आज बरी कर दिया। सत्र न्यायाधीश ने खचाखच भरे कक्ष में फैासला सुनाते हुए कहा कि वाइको के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके। अभियोजन के अनुसार श्रीलंका में गृह युद्ध के दौरान वाइको ने बंद कमरे में हुयी एक बैठक में लिट्टे का समर्थन करते हुए भारतीय संप्रुभता के खिलाफ टिप्पणी की थी।
वाइको राजद्रोह के आरोप से बरी

तमिलनाडु पुलिस की क्यू शाखा ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत वाइको के खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रदेश पुलिस की यह शाखा आंतरिक सुरक्षा से संबंधित है।

भाषा

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