भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार सत्यापन के लिए चेहरे से पहचान की योजना एक महीना आगे बढ़ा दी है। अब यह एक योजना एक जुलाई की जगह एक अगस्त से लागू होगी। इसके साथ ही आंखों की पुतली या अंगुलियों के निशान से भी सत्यापन का विकल्प रहेगा।
यूआईडीएआई के सीइओ अजय भूषण ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि नई सुविधा को लागू करने के लिए कुछ समय की जरूरत थी। इसी वजह से इसे एक महीने आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस पर तेजी से काम कर रहे हैं और इसे एक से लागू कर देंगे। पांडेय ने कहा कि यह पूरी तरह से तकनीक है और जब हम कोई तारीख तय करते हैं तो यह किसी चीज के खरीदने जैसा नहीं होता है। सारी चीजें विकसित की जाती हैं। इसलिए यूआईडीएआई इस काम के लिए पूरी तरह से तैयार होना चाहता है।
यूआईडीएआई ने जनवरी में कहा था कि जिन लोगों को बढ़ती उम्र या अधिक श्रम के कारण बायोमेट्रिक सिस्टम से आधार के सत्यापन में परेशानी हो रही है, उनके लिए चेहरे से सत्यापन की सुविधा शुरू की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में एक प्रेजेंटेशन में यूआईडीएआई ने आधार के कूट भाषा में लिखने पर जोर देते हुए कहा था कि इसका डाटा अभेद्य है और उसे भेदने के लिए धरती पर उपलब्ध सबसे तेज कंप्यूटर को ब्रह्मांड की आयु से भी ज्यादा वक्त लगेगा।