राजधानी दिल्ली और एनसीआर में लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। गुरुवार को भी कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 409, बवाना में 406, विवेक विहार में 391 और रोहिणी में 413 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि बीते कुछ दिनों में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम हो गया था, लेकिन अब एक बार फिर से दिल्लीवालों का सामना जहरीली हवा से हो रहा है, हालांकि मौसम विभाग का कहना था कि आने वाले दिनों में एक्यूआई का स्तर सुधरेगा।
दिल्ली में फिर स्मॉग छाने का पूर्वानुमान
इस बारे में केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने दिल्ली में फिर स्मॉग छाने का पूर्वानुमान जताया है, उसका कहना है कि शनिवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिससे हवा की गति सुधरेगी, इसके बाद ही हालात सामान्य हो सकते हैं।
संसद में भी गूंजा मुद्दा
वहीं, राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में हालांकि पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री बाबुल सुप्रीयो ने बताया कि दिल्ली में पराली का असर 7 नवम्बर से 31 अक्तूबर के बीच 2 से 46 प्रतिशत तक रहा है। राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता ने अपने प्रश्न के जवाब में आए तथ्यों को साझा किया। केंद्र सरकार ने बताया है कि पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने से संबंधित योजना पर केंद्र सरकार ने करीबन 1151 करोड़ रूपए खर्च का प्रावधान रखा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी जताई थी प्रदूषण पर चिंता
दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण पर संसद में चर्चा हुई थी तो वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी इस मसले पर चिंता जाहिर की थी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह साल का एक ऐसा समय है, जब राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है, उन्होंने कहा कि हम सब एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं रही।
‘मौसम संबंधी बहुत सारे गतिशील कारकों पर निर्भर करती है हवा की गुणवत्ता’
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, लोधी रोड पर पीएम 2.5 स्तर 297 (खराब स्तर) और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम पर 346 (बहुत खराब स्तर) दर्ज किया गया। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड कहना है कि हवा की गुणवत्ता मौसम संबंधी बहुत सारे गतिशील कारकों पर निर्भर करती है जो भौगोलिक स्थानों के हिसाब से अक्सर बदलते रहते हैं। मुख्यत: हवा की गति, हवा की दिशा और तापमान किसी जगह की हवा की गुणवत्ता तय करते हैं।
'प्रदूषण कम करने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा'
इससे पहले बढ़ते प्रदूषण पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी चिंता जताई थी और कहा था कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा, वायु प्रदूषण पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि, इस समस्या के निपटारे के लिए अपनाई गई योजनाओं में है और इससे निपटने के लिए किसी भी विचार पर एकमत न होने में है। कोर्ट ने कहा कि, इस दिशा में नागरिकों को भी सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है, प्रदूषण कम करने के लिए लोगों में भी इच्छाशक्ति की कमी है।