चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ सोमवार को महाभियोग खारिज कर दिया गया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने महाभियोग प्रस्ताव ठुकराते हुए विपक्ष द्वारा चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग को हरी झंडी देने से इनकार कर दिया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आज कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि महाभियोग प्रस्ताव पर सात सेवानिवृत सासंदों के दस्तखत होने की वजह से राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
कोई भी तथ्य सीजेआई के खराब बर्ताव की पुष्टि नहीं करता: नायडू
नोटिस को खारिज करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीजेआई पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने प्रस्ताव में सीजेआई पर लगाए गए पांचों आरोपों और उसके संबंध में पेश किए गए दस्तावेजों को परखा। कोई भी तथ्य सीजेआई के खराब बर्ताव की पुष्टि नहीं करता है।'
नायडू ने कहा, ‘मैंने उन सभी पांच कारणों पर गौर किया है, जिन्हें आधार बना कर कांग्रेस ने सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। कोई भी तथ्य ऐसा नहीं था जो सीजेआई के खराब व्यवहार की पुष्टि करता हो।’
Vice President M Venkaiah Naidu rejects the Impeachment Motion against CJI Dipak Misra. pic.twitter.com/Bz53ikvAwh
— ANI (@ANI) April 23, 2018
जब तक चीफ जस्टिस रिटायर नहीं हो जाते, तब तक कोर्ट में नहीं जाऊंगा: सिब्बल
इससे पहले कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि जब तक चीफ जस्टिस रिटायर नहीं हो जाते, तब तक मैं उनकी कोर्ट में नहीं जाऊंगा। क्योंकि मैं अपने पेशे में नैतिकता के उच्चतम मानदंडों का पालन करता हूं।
सुप्रीम कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
महाभियोग प्रस्ताव खारिज किए जाने से पहले कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि अगर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ दिए गए महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ठुकराते हैं तो पार्टी सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
पीटीआई के मुताबिक,पार्टी के एक नेता ने कहा था, 'सभापति के फैसले को चुनौती दी जा सकती है। इसकी न्यायिक समीक्षा हो सकती है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस उम्मीद के साथ चीफ जस्टिस पर नैतिक दबाव बना रही है कि महाभियोग प्रस्ताव पेश किए जाने पर वह अपनी ज्यूडिशियल जिम्मेदारी से अलग हो जाएंगे।
महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर इन दलों के सदस्यों ने किए हैं हस्ताक्षर
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने देश के चीफ जस्टिस पर कदाचार और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, एसपी, बीएसपी और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल हैं।
क्या होता है महाभियोग प्रस्ताव?
सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के किसी जज को हटाने के लिए महाभियोग का प्रावधान संविधान की धारा 124 (4) में किया गया है, जिसे महाभियोग कहा जाता है। संविधान के इस प्रावधान को लागू करने के लिए Judges Inquiry Act के तहत नियम बनाए गए हैं।