अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक ट्रस्ट बनाने का फैसला किया है। इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में किया। अब ट्रस्ट के 15 सदस्यों का नाम भी तय कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी तक ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था। ट्रस्ट का अधिकारिक पता सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा लड़ने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन का मकान ही होगा।
परासरन का मकान R-20 ग्रेटर कैलाश पार्ट वन, नई दिल्ली पर स्थित है। वहीं, कमिश्नर एम पी अग्रवाल ने राम जन्म भूमि के रिसीवर की जिम्मेदारी विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र को दे दी है। वे अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं।
निर्णय लेने में स्वतंत्र होगा ट्रस्ट
केंद्रीय कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पीएम मोदी ने लोकसभा में बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
ये हैं ट्रस्ट के सदस्य
-के परासरन (सुप्रीम कोर्ट के वकील)
-शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वतीजी (प्रयागराज)
-जगतगुरु मधवाचार्य स्वामी (कर्नाटक के पेजावर मठ के पीठाधीश्वर)
-युगपुरुष परमानंद जी महाराज (अखंड आश्रम प्रमुख, हरिद्वार)
- स्वामी गोविंद देव गिरि (प्रवचनकर्ता)
-विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र (अयोध्या राजपरिवार के वंशज)
-डॉ. अनिल मिश्र (होम्योपैथिक डॉक्टर)
-कामेश्वर चौपाल (पटना)
-महंत दिनेंद्र दास (निर्मोही अखाड़ा, अयोध्या)
-बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित
-बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित
-केंद्र का प्रतिनिधि
-राज्य का प्रतिनिधि
-अयोध्या के डीएम
-ट्रस्टी द्वारा नामित चेयरमैन