एक दिन पहले मंगलवार को एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के फोटो जर्नलिस्ट चन्नी आनंद को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। चन्नी आनंद नियमित रूप से जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में जाते रहते हैं। वो बताते हैं, “मैं आर.एस. पुरा के पास सीमा क्षेत्र में गया था। एक फोटोशूट के लिए सुबह जल्दी निकल गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग अपने खेतों में काम करने में व्यस्त थे क्योंकि यह कटाई का मौसम है। पुलिस संघन जाँच कर रही थी और लोगों की मदद भी कर रही थी। मैंने इन सभी गतिविधियों के को लेकर फोटोशूट करने के लिए सोचा।"
तीन कश्मीर फोटो पत्रकार को मिला अवार्ड
चन्नी आनंद के अलावा दो अन्य कश्मीर के एपी फोटो जर्नलिस्ट दार यासीन और मुख्तार खान को पिछले साल अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू के दौरान कवरेज के लिए प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया। पुलित्जर पुरस्कार बोर्ड ने इन तीनों को "कश्मीर के बिगड़े हालाता वाले क्षेत्रों की वास्तविक तस्वीर दिखाने के के लिए" बधाई दी। इसके बाद इन तीनों पुरस्कृत विजेताओं को लेकर राजनीतिक बहस होने लगी।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कश्मीरी फोटो जर्नलिस्टों की प्रशंसा करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये तस्वीरें उन्हें कश्मीर में भारत विरोधी भावनाओं के लिए दी गई। पात्रा ने पूछा, "प्रिय @ राहुलगांधी जी। आपने मिस्टर डार को बधाई दी जिन्हें फोटोग्राफी के लिए आज पुलित्जर पुरस्कार मिला है। तस्वीरों में से एक यहाँ संलग्न किया गया है। कैप्शन में उल्लेख किया गया है ‘भारतीय अधिकृत कश्मीर’। श्री राहुल गांधी जी, क्या कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है? ”
'हम पत्रकार हैं और हमारा काम अपने पेशेवर काम को पूरा करना'
लेकिन, इन विवादों के बावजूद भी चन्नी आनंद को फर्क नहीं है। वो कहते हैं, "मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता हूं। हम पत्रकार हैं और हमारा काम अपने पेशेवर काम को पूरा करना है। आगे वो कहते हैं, “मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं कि मुझे पुरस्कार मिला। मेरा परिवार भी खुश है। ” बता दें, आनंद 16 साल से एपी के साथ रहे हैं। उन्होंने फोटोग्राफी में ऑनलाइन कक्षाएं लेने से पहले शास्त्री मेमोरियल पब्लिक स्कूल और रणबीर हायर सेकेंडरी स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई की।