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डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को क्यों कहा ‘शुक्रिया’, जानिए क्या है वजह

अक्टूबर में कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्स की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ...
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को क्यों कहा ‘शुक्रिया’, जानिए क्या है वजह

अक्टूबर में कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्स की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयसस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को ‘शुक्रिया’ कहा है। बता दें कि कोवैक्स कोविड टीकों के लिए समान वैश्विक पहुंच के लिए एक पहल है। बता दें कि अप्रैल में टीकों के निर्यात पर ब्रेक लगा दिया गया था ताकि देश में संक्रमण को रोकने के लिए अपने देश के लोगों को टीका लगाने पर ही ध्यान केंद्रित रहे।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ने एक ट्वीट करके लिखा कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा कोविड वैक्सीन कोवैक्स की शिपमेंट फिर से शुरू करने के लिए धन्यवाद। इस साल (2021) के अंत तक सभी देशों की 40 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य के समर्थन में ये अहम कदम है।

मंडाविया ने 20 सितंबर को घोषणा करते हुए कहा था कि वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत और कोवैक्स ग्लोबल पूल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 2021 की चौथी तिमाही में कोरोना वायरस के टीकों का फिर से निर्यात शुरू करेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि भारत के नागरिकों का टीकाकरण सबसे पहली प्राथमिकता बनी हुई है। आने वाले वक्त में कोविड टीके के प्रोडक्शन को लेकर उन्होंने बताया कि सरकार को अक्टूबर में 30 करोड़ से अधिक और अक्टूबर से दिसंबर के बीच 100 करोड़ से अधिक टीके मिलेंगे।

भारत में अब तक 82.65 करोड़ टीके दिए गए हैं। इसमें दोनों डोज़ शामिल हैं। भारत के नागरिकों को प्राथमिकता देने की बात कहते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि 'वसुधैव कुटुम्बकम' हमारा आदर्श वाक्य रहा है। ऐसे में हम कोवैक्स के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए वैक्सीन मैत्री के तहत कोविड टीकों का निर्यात फिर से शुरू करेंगे।

बता दें कि कोवैक्स एक ग्लोबल प्रोग्राम है। कोवैक्स प्रोग्राम का जिम्मा गावी, कोलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन (सीईपीआई) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ‘कोवैक्स' पहल का सह-नेतृत्व कर रहे हैं। कोवैक्स का लक्ष्य है दुनिया के गरीब देशों को कोविड वैक्सीन की सप्लाई।

 

 

 

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