सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली महिला कर्मचारियों के खुशखबरी है। अब सरोगेसी के जरिए मां बनने वाली केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को भी मेटरनिटी लीव मिलेगी। कार्मिक मंत्रालय के एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक इसके लिए मंजूरी दे दी गई है। ये महिला कर्मचारी वेतन सहित 26 सप्ताह (लगभग 180 दिन) का मातृत्व अवकाश प्राप्त कर सकती हैं।
मंत्रालय ने इस मामले पर 2015 में आए दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बारे में केंद्र सरकार के सभी विभागों को एक पत्र लिखा है। कार्मिक मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को अपने ताजा निर्देश में कहा है, सभी मंत्रालयों/विभागों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित अधिकारियों को इसकी विषय-वस्तु के बारे में व्यापक जानकारी दें।
मंत्रालय ने इसके साथ ही कोर्ट के आदेश की प्रति भी संलग्न की है। कोर्ट का फैसला केंद्रीय विद्यालय की एक शिक्षिका की याचिका पर आया था, जिसने किराए की कोख यानी सरोगेसी से जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। उसे इस आधार पर मेटरनिटी लीव नहीं दी गई थी कि वह बच्चे को जन्म देने वाली मां नहीं बनी है।
कोर्ट के आदेश में कहा गया था, बच्चा हासिल करने वाली मां मेटरनिटी लीव की हकदार होगी। कोर्ट ने अपने समक्ष रखी गई सामग्री के आधार पर कहा कि सक्षम प्राधिकारी किराए की कोख से बच्चा हासिल करने वाली मां को मातृत्व अवकाश देने के समय और अवधि के बारे में फैसला करेंगे।
ऐसी स्थिति में सक्षम प्राधिकारी द्वारा उचित व्यवस्थापन किया जाएगा, जहां किराए पर कोख देने वाली और उससे बच्चा हासिल करने वाली महिला, दोनों ही कर्मचारी हों जो भिन्न प्रकार से (एक इस आधार पर कि वह बच्चा प्राप्त करने वाली मां है दूसरी इस आधार पर कि वह एक गर्भवती महिला है) अवकाश की हकदार हैं ।