लोकसभा से पास होने के बाद गुरुवार को महिला आरक्षण बिल यानी की नारी शक्ति वंदन पर राज्यसभा में चर्चा के बाद इस पर राज्यसभा में वोटिंग हुई। बिल के पक्ष में 215 वोट डाले गए। विरोध में एक भी सांसद ने वोट नहीं डाला। सर्वसम्मति से यह बिल अब राज्यसभा से भी पारित हो गया।
इससे पहले ही संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह बिल लोकसभा में पास हुआ था। पक्ष में 454 वोट पड़े थे, जबकि विरोध में असदुद्दीन ओवैसी और उन्हीं की पार्टी के एक अन्य सांसद ने वोट किया था।
पीएम मोदी ने कहा ''इस बिल से देश के लोगों में एक नया विश्वास पैदा होगा। सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और 'नारी शक्ति' को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए देश को एक मजबूत संदेश दें।"
ट्वीट कर पीएम ने लिखा, हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण! 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में ख़ुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं। यह महज एक विधान नहीं है; यह उन अनगिनत महिलाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे देश को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह बिल स्त्रियों के लिए है लेकिन यह सिर्फ चुनावी जुमले तक सीमित नहीं रहना चाहिए। एक बार गृहमंत्री अमित शाह ने इसी तरह का एक वादा किया था लेकिन बाद में जब उन्हें उनका वादा याद कराया गया तो उन्होंने कहा था कि वह चुनावी जुमला था लेकिन हम चाहते हैं कि यह विधेयक चुनावी जुमला नहीं बनना चाहिए।