दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को राजधानी में हुई हिंसा के मामले में 22 एफआईआर दर्ज की है। पुलिस की तरफ से कई किसान नेताओं के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। इनमें नेताओं में दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम है। एफआईआर में में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और स्वाराज इंडिया के योगेंद्र यादव का भी नाम है। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान मजदूर संघर्ष समिति पर साजिश का आरोप लगाया है। एसकेएम ने कहा कि दीप सिद्धू जैसे असामाजिक तत्वों और केएमएसएस ने साजिश के तहत किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की।
बलबीर सिंह राजेवाल की अध्यक्षता में एक किसान मोर्चा ने आपात बैठक की तथा दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं पर चर्चा की जिसमें निष्कर्ष निकाला कि केंद्र सरकारइस किसान आंदोलन से बुरी तरह हिल गई है। इसलिए, किसान मजदूर संघर्ष समिति और अन्य किसान संगठनों के शांतिपूर्ण विरोध के खिलाफ एक गंदी साजिश रची गई।
संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया कि किसान आंदोलन की शुरुआत के 15 दिनों के बाद अपना विरोध स्थल स्थापित किया था, वे संयुक्त रूप से प्रदर्शन करने वाले संगठनों का हिस्सा नहीं थे। जब किसान संगठनों ने 26 जनवरी को किसान परेड का कार्यक्रम घोषित किया, तो दीप सिद्धू जैसे दूसरे असामाजिक तत्वों ने दूसरे किसान संगठन के साथ मिलकर किसानों के आंदोलन को विफल करने का प्रयास किया।
बता दें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी किसान मंगलवार को दोपहर में लाल किले में घुस गए थे। सैकड़ों किसान प्राचीर तक पहुंच गए और यहां ठीक उस जगह पर दो झंडे लगा दिए, जहां हर साल 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। संस्कृति और पर्यटन मंत्री ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के साथ लाल किले का निरीक्षण किया। उन्होंने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में बदल हो गई है। दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। जबकि कल देर रात आंदोलनकारियों से लाला किला खाली करवा लिया गया है। हिंसा में लगभग 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, इस दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई।