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ज्योति मल्होत्रा पर हरियाणा पुलिस का खुलासा, "भारत में उड़े अपना एसेट बना रहा था पाकिस्तान"

हरियाणा की यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में...
ज्योति मल्होत्रा पर हरियाणा पुलिस का खुलासा,

हरियाणा की यूट्यूबर और ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां उन्हें एक 'एसेट' के रूप में विकसित कर रही थीं, ताकि वे भारत के खिलाफ 'नैरेटिव वॉरफेयर' (विचारधारा युद्ध) में उपयोग कर सकें।

पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क हिसार के पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति मल्होत्रा का संपर्क नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी से था, जिसे बाद में भारत से निष्कासित कर दिया गया था। यह संपर्क अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव के चरम पर था।

सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान जांच में पाया गया कि ज्योति मल्होत्रा ने WhatsApp, Telegram और Snapchat जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को संवेदनशील जानकारी भेजी। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल 'Travel with JO' पर पाकिस्तान के पक्ष में वीडियो भी साझा किए, जिनमें पाकिस्तानी स्थलों की यात्रा की जानकारी होती थी।

विदेश यात्राएं और वित्तीय लेन-देन की जांच 33 वर्षीय ज्योति मल्होत्रा को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उन्होंने 2023 में पाकिस्तान की यात्रा की थी और एक बार चीन भी गई थीं। उनके वित्तीय लेन-देन और यात्रा इतिहास की जांच की जा रही है। उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया गया है।

अन्य यूट्यूबर्स की जांच ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद, अन्य भारतीय ट्रैवल व्लॉगर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भी जांच की जा रही है, जिनका पाकिस्तान से कोई संबंध हो सकता है। ओडिशा की एक 21 वर्षीय यूट्यूबर, जिन्होंने हाल ही में करतारपुर कॉरिडोर की यात्रा की थी, भी जांच के दायरे में हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर चिंता यह मामला दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा भारत के खिलाफ किया जा सकता है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही हैं, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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