कर्नाटक हाई कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने गुरुवार को 'हिजाब' विवाद पर दायर याचिकाओं की सुनवाई करेगी। इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राजनेताओं सहित सभी से आग्रह किया कि वे ऐसे बयान न दें जो लोगों को उकसाएं और शांति भंग करें।
मुख्यमंत्री आज शिक्षा और गृह विभागों के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों में सौहार्दपूर्ण माहौल और अनुशासन बहाल करने के लिए कुछ उपाय करना है।
बोम्मई ने कहा, "शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड पर मुद्दा हाई कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया है और सुनवाई आज दोपहर लगभग 2:30 बजे शुरू होगी। छात्रों के बीच किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित किया गया है।"
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जिन्हें भी इस मुद्दे पर अपना बयान देना था या टिप्पणी करनी थी, वे पहले ही कर चुके हैं। अब, सभी को रुकना चाहिए और अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए। किसी को भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे शांति भंग हो।"
आपको बता दें कि आज ही कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को हिजाब विवाद का मुद्दा चीफ जस्टिस के सामने उठाते इस पर सुनवाई की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने सिब्बल के इस अनुरोध को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि अभी इस मामले की सुनवाई कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रही है। कोर्ट के कहा कि इस वजह से अभी सुप्रीम कोर्ट का इसमें दखल देना उचित नहीं होगा।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट मामले को अपने कब्जे में ले चुका है, इसलिए उसे सुनवाई जारी रखने और फैसला करने की अनुमति दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि हिजाब विवाद मामले में पहले हाई कोर्ट को अपना फैसला देने दीजिए उसके बाद हम देखेंगे कि क्या हो सकता है।