इसके मुताबिक, कॉरपोरेट एवं व्यक्तिगत आयकर सहित प्रत्यक्ष करों से करीब 39 पैसे का योगदान होगा, जबकि आयकर से 22 पैसे एवं कॉरपोरेट कर से 17 पैसे का योगदान होगा। अप्रत्यक्ष करों में, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रत्येक एक रुपये के राजस्व में अधिकतम 18 पैसे का योगदान देगा।

इसके अलावा, सरकार प्रत्येक रुपये में से पांच पैसे उत्पाद शुल्क से तथा चार पैसे सीमा शुल्क से कमाने की उम्मीद कर रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2025-26 के अनुसार, ‘‘उधारी और अन्य देनदारियों’’ से संग्रह 24 पैसे प्रति रुपया होगा।

बजट दस्तावेज में आने वाले और खर्च होने वाले हरेक रुपये का आंशिक ब्योरा दिया गया है।

व्यय पक्ष पर, ब्याज भुगतान और करों व शुल्कों में राज्यों के हिस्से के लिए परिव्यय क्रमशः प्रत्येक रुपये पर 20 पैसे और 22 पैसे रहा। रक्षा के लिए आवंटन प्रति रुपये आठ पैसे का रहा।

केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय प्रत्येक रुपये में से 16 पैसे होगा, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन आठ पैसे है। वित्त आयोग और अन्य हस्तांतरणों पर व्यय आठ पैसे निर्धारित किया गया है। सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः छह पैसे और चार पैसे खर्च किए जाएंगे।

सरकार प्रत्येक रुपये में से आठ पैसे ‘अन्य व्यय’ पर खर्च करेगी।

रुपया कहां से आया -

उधारी एवं अन्य देनदारी-24 पैसे

आयकर -22 पैसे

माल एवं सेवा तथा अन्य करों-18 पैसे

कंपनी कर- 17 पैसे

गैर कर प्राप्ति- नौ पैसे

उत्पाद शुल्क -पांच पैसे

सीमा शुल्क-चार पैसे

गैर ऋण पूंजी प्राप्ति- एक पैसा

रुपया कहां गया-

करों व शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी -22 पैसे

ब्याज भुगतान-20 पैसे

केंद्रीय योजनाएं (पंजीगज व्यय, रक्षा व बड़ी सब्सिडी पर व्यय के अलावा)-16 पैसे

केंद्रीय प्रयोजित योजनाओं-आठ पैसे

अन्य व्यय-आठ पैसे

वित्त आयोग एवं अन्य हस्तांतरण -आठ पैसे

रक्षा-आठ पैसे

सब्सिडी-छह पैसे

पेंशन-चार पैसे